Friday, 18 October 2019 8:05
G.A Siddiqui
अंजली ने मेडल प्राप्त कर बचाई सिद्धार्थ वि.वि. की नाक
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविधालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने 30 छात्र- छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया। मेडल पाकर छात्र-छात्राओं के चेहरे खिल गये। सिद्धार्थ विश्वविधालय की बीकाम की छात्रा अंजली रस्तोगी ने मेडल प्राप्त कर इस विश्वविधालय की नाक रख ली, वरना मेडल हाथियाने में सिद्धार्थ विश्वविधालय की झोली खाली ही रह जाती। मेडल हासिल करने में एक बार फिर छात्राओं ने बाजी मारी। 12 छात्रों के मुकाबले 18 छात्राओं ने मेडल हासिल कर एक बात साबित कर दिया कि लडकियां लडकों से कम नहीं होती है। राज्यपाल के हाथों मेडल प्राप्त करनेे वालों में एचआर पीजी कालेज खलीलाबाद की वर्तिका शुक्ला को बीए, सिद्धार्थ विश्वविधालय की बीकाम की छात्रा अंजली रस्तोगी, एमएलकेपीजी कालेज बरामपुर की बीएससी की छात्रा रश्मि, चैधरी चरण सिंह पीजी कालेज पांडवनगर बस्ती के बीएससी कृषि के तुषार प्रताप सिंह, श्री रामतीर्थ चैधरी महाविधालय, इमलिया, उतरौला, बलरामपुर की आयशा खाूतन को बीएससी गृह विज्ञान, एचआर पीजी कालेज खलीलाबाद के दिवाकर यादव को एम.ए. प्राचीन इतिहास शामिल रहे। इसके अलावा प्रियंका मिश्रा, प्रिया यादव, नुपुर श्रीवास्तव, कंचन, संतीश कुमार पांडेय, उत्तरा पांडेय, सत्यपति पांडेय, धीरेन्द्र कुमार, कंचन सिंह, मुबारक बेगम, मनीष कुमार मिश्रा, सना आफरीन, श्रेया श्रीवास्तव, श्रुति श्रीवास्तव, श्रद्धा, नजीबुल्लाह खान, दिव्या सिंह, मोहम्मद फैजान खान, सौम्या शुक्ला, अभिषेक श्रीवास्तव, रवि प्रकाश यादव, आयुष सिंह, शालिनी पांडेय, मधुलिका सिंह और विष्णु स्वरूप श्रीवास्तव अपने- अपने वर्ग की परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त कर गोल्ड मेडल पाने की दावेदारी पेश की।
उप मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने सिद्धार्थ विश्व विधालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य आतिथि बोलते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह शिक्षा व्यवस्था का अंतिम नहीं बल्कि वह अहम पडाव होता है, जहां से युवाओं को नये दायित्वों का बोध होता है।
दिनेश शर्मा ने कहा कि सिद्धार्थ विश्वविधालय की स्थापना हुए अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है, मगर इसकी उपलब्धियां पुराने विश्वविधालयों को पीछे कर रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि आने वाले दिनों में यह शिक्षा क्षेत्र में बट वृक्ष के सामान स्थापित हो जायेगा। उन्होंने कहा कि इस विश्वविधालय में तमाम विदेशी भाषाओं में भी पठन-पाठन हो रहा है। यह इसकों अन्य विश्वविधालयों से अलग श्रेणी में खडा करता है। स्थापना के समय इस विश्वविधालय में केवल बीकाम की कक्षाएं चलती थी, मगर अब यहां पर परास्नातक की कक्षाएं चलने लगी है।
उन्होंने कहा कि इस विश्वविधालय में अभी तमाम पदों का सृजन किया जाना है उसे जल्द ही मुख्यमंत्री से वार्ता कर इसका निराकरण किया जाये। उन्होंने कहा कि पूरे विश्वविधालय को जल्द ही सीसी कैमरे से लैंस किया जायेगा। साथ ही साथ वायस रिकार्डिंग की सुविधा उपलब्ध हो सके। इसका भी प्रयास होगा। उनका प्रयास होगा कि इस विश्वविधालय का पाठय क्रम दुरूस्त हो सके साथ ही समय ही परीक्षा करायी जा सके। परीक्षा में पारदर्शिता कायम कराने का प्रयास होगा। सभी विश्वविधालयों में शोध की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा का उच्च मापदंड स्थापित की जायेगी। इसके अलावा शिक्षा को कौशल विकास से जोडा जायेगा।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि शिक्षा ग्रहण कर युवा स्वयं के साथ-साथ दूसरों का जीवन उत्थान कर सकते हैं। यही शिक्षा का मूल मकसद है।
उन्होंने कहा कि यह धरती भगवान बुद्ध की क्रीडास्थली के रूप में पूरे संसार में प्रसिद्ध है। भगवान बुद्ध ने जिस प्रकार अपने ज्ञान से पूरे विश्व को रोशन बनाया था। ठीक उसी प्रकार आज की युवा पीढी को अपने शिक्षित होने का लाभ दूसरों को प्रदान करना होगा। तभी जाकर शिक्षित होने का मकसद पूरा हो पायेगा।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविधालयों में शिक्षण व्ययस्था का माहौल अच्छा हो, इसका प्रयास हो रहा है। जल्द ही उसके नतीजे सबके सामने आयेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविधालय वह स्थान होता है, जहां माध्यमिक शिक्षा के बाद युवा उच्च शिक्षा के लिए पहंुचते हैं। यहां आने वाले हर युवा का मानसिक विकास हो चुका होता है। शिक्षा का अंतिम पडाव प्राप्त कर वह अपने मेहनत को किसी मुकाम पर पहंुचना चाहता है। विश्वविधालय में ही युवाओं के कैरियर की दिशा और दशा तय होती है। इसलिए सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था में विश्वविधालय की शिक्षा व्यवस्था काफी महत्वपूर्ण होती है। अतः यहां की शिक्षण व्यवस्था में गुणवत्ता का होना बहुत जरूरी है।
दीक्षांत समारोह के दौरान कमिश्नर अनिल कुमार सागर एवं डीआईजी,श्यमधनी राही, अमर सिंह चैधरी, बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व सपा के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय, भाजपा के जिलाध्यक्ष लाल जी त्रिपाठी, आदि की उपस्थिति रही।