Wednesday, 27 May 2020 6:30
G.A Siddiqui
-ट्रेनों में मजदूरों की मौत के लिए रेल मंत्री जिम्मेदार दर्ज हो तत्काल मुकदमा- रिहाई मंच
- मृतक मजदूरों को पांच-पांच करोड़ रुपया मुआवजा दे सरकार
- मृतक प्रवासी मजदूरों के परिजनों से मिलेगा रिहाई मंच
लखनऊ 27 मई । रिहाई मंच ने श्रमिक ट्रेनों को मजदूरों कि अर्थी कहते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल को जिम्मेदार ठहराते हुए मुकदमे की मांग की। मंच ने प्रत्येक मृतक श्रमिक को पांच-पांच करोड़ रुपए देने की मांग की। रिहाई मंच ने मृतक प्रवासी मजदूरों के प्रकरण पर एक दल का गठन किया जो मृतकों के परिजनों से मिल कर हर संभव मदद करने की कोशिश करेगा।
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि कहीं के लिए चली ट्रेनें कहीं चली जा रही हैं और ट्रेनों में भूखे प्यासे मजदूर लाश में तब्दील होते जा रहे हैं। यह लापरवाही नहीं अपराध है। रेल मंत्रालय दोषी है। जिम्मेदार लोगों पर तत्काल हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। आजमगढ़, जौनपुर समेत पूर्वांचल के मजदूरों कि लाशें बताती हैं कि पैदल चले न जाने कितने मजदूर बहन-भाई मौत का शिकार हो गए होंगे जिनके बारे में हमें पता ही नहीं। मीडिया के सूत्रों से तीन सौ से अधिक मजदूरों की मौतों की सूचनाएं आ रही हैं।
पहले मजदूरों को महानगरों में भूख से तड़पने को विवश किया गया और फिर सड़कों पर पैदल चला-चलाकार जिंदा लाश बना दिया गया। सरकार लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को न सिर्फ नेस्तनाबूद करने पर आमादा है बल्कि देश को बचाने वाले मजदूर-किसानों को भी खत्म करने पर आमादा है। कोरोना के नाम पर सरकारी कर्मचारी से लेकर पुलिस आम जनता पर ना सिर्फ हमलावर है बल्कि जीवन से जुड़े हक-हुकूक को रौंद रही है। उनके खिलाफ किसी प्रकार कि कार्रवाई न होने का नतीजा है की किसी चौराहे तो कहीं किसी बोगी में मजदूर की लाश मिल रही है।