Monday, 14 September 2020 5:17
Abdullah Siddiqui
सिद्धार्थनगर। भारतीय जनता पार्टी के सांसद जगदम्बिका पाल ने सोमवार को लोक सभा में शून्य काल के दौरान भोजपुरी, राजस्थानी और भोटी भाषाओँ को संविधान के आठवी अनुसूची में शामिल करने की मांग को सदन में उठाते हुए कहा कि भारत के विभिन्न राज्यों में बोली जाने वाली भाषा भोजपुरी, राजस्थानी और भोटी को अभी तक संविधान की आठवी अनुसूची में शामिल नही किया गया है जबकि यह तीनों भाषाएँ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विदेशों में मान्यता प्राप्त कर चुकी है | भोजपुरी भाषा को मोरीशस ने, भोटी भाषा को भूटान ने तथा राजस्थानी भाषा को नेपाल ने पहले ही मान्यता दे रखी है| भारत में इस सन्दर्भ में 1969 से लेकर अब तक 19 बार गैर सरकारी विधेयक लाए जाने के बावजूद अभी तक उसपर कोई कार्यवाही नही हुई जबकि भोजपुरी भाषा देश के विभिन्न हिस्सों में जैसे मुख्य रूप से पश्चिम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं उत्तरी झारखण्ड के क्षेत्रों में बोली जाती है|
श्री पाल ने बताया कि आकड़ों के अनुसार, 16 देशो में लगभग 20 करोड़ लोगो द्वारा भोजपुरी भाषा बोली जाती हैं | पूरे विश्व में भोजपुरी भाषा ब्राज़ील, फिजी, गुयाना, मॉरिशस, दक्षिण अफ्रीका, त्रिनिदाद और टोबागो आदि देशों में बोली जा रही है | उन्होंने भारत सरकार से भोजपुरी, राजस्थानी और भोटी भाषाओँ को संविधान की आठवी अनुसूची में शामिल करने की मांग की है |