Sunday, 18 October 2020 8:13
Admin
शैलेन्द्र पंडित
बांसी । किसान आज निर्धारित दर से कम में धान बेचने को विवश है। जिससे वह अपने आप को हतोत्साहित बना हुआ है। धान तो कटना ही शुरू हुआ कि रेट ने गोता लगा लिया । तेरह कार्तिक तीन अषाढ की कहावत पर रबी के फसलों की तैयारी शुरू करना है और बाजार का रुख देखकर किसान सर पकड़ कर बैठ जा रहा है । काफी जद्दोजहद के बाद धान का फसल कट कर घर पहुंचना शुरू हो गया है।सेटलाइट और ड्रोन के साथ एस ओ और प्रधान के निगरानी मेंं कंबाइन ने कीमत बढा कर किसानों का डंठल बचाते हुए धान का काटना शुरू कर दिया है।इस बीच मेंं सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य 1868 का कहीं लता पता नहीं है। मुहं बाए खडी आवश्यकता और जिम्मेदारों की बेरुखी ने सारे अरमानों पर पानी फेर दिया है।जिले के प्रत्येक क्षेत्रों मेंं कमोवेश यही हाल है।उधर नपौना वालों से संपर्क करने पर कहा कि धान अभी पूरी तरह तैयार नही है।चूरा काटने के लिए अभी खरीदा जा रहा है।कुछ अन्य लोगों ने कहा कि बाहर गाडी न जा पाने के कारण अनाज का दुर्दशा हो रहा है। नवईला गांव निवासी बेचन अली का कहना है कि किसानों का कब खुदा है।लागत निकाल लो तो क्या मिलेगा।आय दुगुनी करने की कवायद ने और गर्त मेंं धकेल दिया गया है।सरकारी खरीद के बारे मे ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं है।ज्यादातर लोग आढतियों के हाथ धान बेंचने को विवश हैं।