Sunday, 19 September 2021 8.28pm
Nawaz Shearwani
गोरखपुर-महिला सशक्तिकरण व स्वालम्बन व आत्मरक्षा के बारे मे जागरुक करने का कार्यक्रम महिला बीपीओ द्वारा किया गया*
गोरखपुर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन ताड़ा ने बताया कि एडीजी जोन गोरखपुर अखिल कुमार के निर्देशन में जनपद के समस्त थानों पर बीट प्रणाली का गठन किया गया है ।जिसके क्रम में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देशानुसार जनपद के समस्त थानों द्वारा बीट पुलिस अधिकारीयों (पुरूष व महिला बीट पुलिस अफसर BPO) को उनके कर्तव्यों के बारे में बता कर क्षेत्र में रवाना किया गया । जनपद के समस्त थानो द्वारा कुल 470 पुरूष BPO द्वारा लगभग198 गांव/अपने बीट क्षेत्र व तथा 98 महिला BPO द्वारा द्वारा लगभग 50 गांव/अपने बीट क्षेत्र में भ्रमण कर लोगो से संवाद स्थापित किया गया । प्रार्थना-पत्रों का सत्यापन, 107/116 सीआरपीसी की निरोधात्मक कार्यवाही, चरित्र सत्यापन, हिस्ट्रीशीटरो की चेकिंग के सम्बन्ध में डिटेल नोट किया गया । तथा BPO द्वारा अपने बीट क्षेत्र में सम्भ्रान्त लोगों से सम्पर्क किया गया । गांव के पंचायत भवन पर भी बीट पुलिस अधिकारी का नाम व मोबाइल नम्बर पूर्व में अंकित कराया गया है, साथ ही थाने एवं चौकी से भी बी0पी0ओ0 के नाम व मोबाइल नम्बर की जानकारी लेकर अपनी समस्या को बताने के सम्बन्ध में लोगो को अवगत कराया गया । इस व्यवस्था के लागू होने से जहां एक तरफ थानों की कार्यशैली में और सुधार होगा, वहीं दुसरी तरफ People Oriented Policing भी देखने को मिलेगी । बीट पुलिस अधिकारी के लगातार अपने क्षेत्र में भ्रमणशील रहने से जनता से सम्पर्क बना रहेगा और उनके सुख-दुख के साथी के रुप में भी बीट पुलिस अधिकारीयों की सहभागिता होगी । महिला आरक्षियों को भी बीट क्षेत्र आवंटित करते हुए उन्हें भी क्षेत्र में जाने हेतु निर्देशित किया गया है। जो अपने-अपने बीट में जाकर मिशन शक्ति अभियान के तहत सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं विभिन्न अभियानों की जानकारी देने के साथ-साथ बालिकाओं को महिला सशक्तिकरण व स्वालम्बन व आत्मरक्षा के बारे मे जागरुक करने का कार्यक्रम किया गया तथा साथ की साथ महिला सम्बन्धित हेल्प लाइन नं0 1090,112,1076,1098 के सम्बन्ध मे जागरुक किया गया तथा बालिकाओ को आत्म सुरक्षा के तरीके भी बताए गए। इसका सीधा फायदा आधी आबादी अर्थात महिला फरियादियों को होगा क्योंकि अब वे अपनी समस्या महिला आरक्षियों को बेझिझक बता सकेंगी और इसके लिए उन्हें थाने जाने की भी जरुरत नहीं होगी। महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा ।