Saturday, 27 October 2018 4:48
G.A Siddiqui
अरसद खान
पीओएस डिवाइसों के जरिए, ग्राहकों को खाद्य और पेय पदार्थ सर्व होने के बाद मौके पर ही बिल प्रिंट करके दिया जा सकेगा। खासतौर पर अगर परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थ का बिल नहीं निकलता है तो ग्राहकों को ये अधिकार है कि वे भोजन के बिल के पैसे न चुकाएं।
भारतीय रेलवे ने ट्रेन में यात्रा के दौरान अपने ग्राहकों को खाने की आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों की लूट से बचाने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। रेलवे के नियम के मुताबिक, रेल यात्री को उनका खाना निशुल्क मिलेगा अगर उन्हें उनके आॅर्डर का बिल नहीं दिया जाता है।
शनिवार (27 अक्टूबर) को ट्विटर पर जारी किए गए वीडियो में केंद्र सरकार ने कहा कि ये सुनिश्चित किया जाएगा कि खाने की आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों के पास प्वाइंट आॅफ सेल (पीओएस) डिवाइस उपलब्ध हों ताकि वह लोगों को खाना सर्व करने की जगह पर ही बिल उपलब्ध करवा सकें।भारतीय रेलवे ने ये कदम खाने-पीने के संबंध में यात्रियों की बढ़ती शिकायतों को ध्यान में रखते हुए उठाया है। ज्यादातर शिकायतें ट्रेन में यात्रियों की यही रखती है कि ट्रेन में ठेकेदार उन्हें ज्यादा कीमत पर सामान बेचते हैं। रेलवे ने ट्रेन में खाने के ठेकेदारों पर सख्ती बरतना उस घटना के बाद शुरू किया, जब कैमरे पर ठेकेदार के एक कर्मचारी को टॉयलेट वाले पानी से चाय बनाते हुए पकड़ा गया था।
भारतीय रेलवे कुछ दिनों से यात्रियों की शिकायतों से जूझ रहा है। ये शिकायतें ज्यादातर खाने की कीमतों और गुणवत्ता के संबंध में होती है। इन्हीं शिकायतों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने ट्रेन में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की वास्तविक सूची को ट्वीट किया था। खाद्य पदार्थों की ये कीमतें ट्रेन में ठेकेदारों के द्वारा वसूली जा रही कीमतों से कई गुना कम हैं।
अब, पीओएस डिवाइस के साथ ट्रेनों में सेवाएं शुरू हो जाएगी। अब ये उम्मीद की जा सकती है कि ट्रेनों में ठेकेदारों के लिए खाने की ज्यादा कीमतें वसूल पाना संभव नहीं हो सकेगा। सरकार के द्वारा जारी किए वीडियो के मुताबिक, पीओएस डिवाइस सेवा देश भर में चलने वाली 185 ट्रेनों में शुरू की गई है। इन ट्रेनों के यात्रियों से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर इस सेवा को अन्य ट्रेनों में भी शुरू किया जाएगा।
पीओएस डिवाइसों के जरिए, ग्राहकों को खाद्य और पेय पदार्थ सर्व होने के बाद मौके पर ही बिल प्रिंट करके दिया जा सकेगा, इससे ठेकेदारों और उनके कर्मचारियों के हाथ तकनीकी से बंध जाएंगे। खासतौर पर केंद्र सरकार ने ये भी कहा है कि अगर परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थ का बिल नहीं निकलता है तो ग्राहकों को ये अधिकार है कि वे भोजन के बिल के पैसे न चुकाएं।