Monday, 11 December 2017 9:19
G.A Siddiqui
गुजरात। अफराजुल के मर्डर की घटना ने यहां रहने वाले पश्चिम बंगाल के श्रमिकों को इतना डरा दिया कि सौ से ज्यादा लोग बुधवार रात को ही काम-धंधा छोड़कर अपने गांव चले गए हैं। शहर के धोइंदा क्षेत्र में पश्चिम बंगाल के सौ से ज्यादा लोग किराये के कमरों में रहते थे। बुधवार को वारदात के बाद सामने आए वायरल वीडियो को देखकर ये इतने खौफ में गए कि रात को ही सिर्फ कपड़े और रुपए साथ लेकर शहर को छोड़ दिया। निर्माण कार्य से जुड़े वहां के पचास से ज्यादा लोग यहां ठेकेदारी का काम करते थे। हर ठेकेदार के साथ 15 से 20 श्रमिक थे, सभी अपने मूल गांव जा चुके हैं। अब इनके किराये के कमरों पर ताले लगे हैं। कुछ के तो निर्माण सामग्री की मशीनरी और औजार भी खुले में पड़े हैं। इनके किराये के कमरों पर ताले लगे हुए हैं। शहर छोड़कर जाने की आपाधापी में निर्माण कार्य में काम आने वाले मशीनरी, औजार भी इनके कमरों के बाहर ही पड़े हैं। पश्चिम बंगाल के परिवार मूल गांव तो लौट गए हैं, लेकिन पीछे घर में रखे घरेलू सामान की चिंता भी सता रही है। धोइंदा में किराये के मकानों, कुछ जगह बाड़ों में भी इनके कमरे बने हुए हैं। इस क्षेत्र में कुछ बाड़े ऐसे हैं, जहां मवेशियों के बांधने वाली जगह पर बने कमरों में ये किराये पर रहते हैं। वहां के लोग यहां मकान, सीसी सड़क, सरकारी भवन बनाने के काम में मजदूरी करते हैं। अधिकांश बंगाली परिवार निर्माण कार्य से जुड़े हुए हैं। ये दिनभर तो कार्यस्थलों पर रहते हैं और रात को सोने के लिए कमरों पर जाते हैं। यहां काम करने वाले पश्चिम बंगाल के अधिकांश लोग कम किराये वाले मकानों में रहते हैं। निर्माण से जुड़े पश्चिम बंगाल के ठेकेदार नजीदउल घटना वाले दिन ही 20 श्रमिकों के साथ पश्चिम बंगाल चला गया। उसने फोन पर भास्कर को बताया कि अफराजुल की हत्या का लाइन वीडियो देखकर वह कांप गया था। साथ वाले मजदूरों ने भी खौफ के हालात में यहां रुकना मुनासिब नहीं समझा। उसने बताया कि, राजसमंद से बिल्कुल ही मन उठ गया। इसी कारण अपने घर चले गए हैं। उसने कहा, हालात सामान्य होंगे तब वापस काम करने तो आना पड़ेगा। नजीदउल ने बताया कि घटना के बाद हमारे मन में इतना डर बैठ गया कि हम कुछ सोच भी नहीं पा रहे थे कि क्या करें। सिर्फ कपड़े और पैसे लेकर कमरों पर ताला लगाकर घर रवाना हो गए। यहां तक की धोइंदा बस स्टैंड से जो भी वाहन मिला, हम उसी में बैठकर रवाना हो गए।
अफराजुल हत्याकांड के बाद सूने पड़े मजदूरों के मकान : अफराजुल की निर्मम हत्या के बाद धोइंदा किराये के मकान में इनके साथ ही सभी पश्चिम बंगाली श्रमिक मूल गांव चले गए हैं। इनके मकानों के बाहर सामान यों ही पड़ा है़।