Monday, 23 July 2018 6:45 pm
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अलवर में गो तस्करी के शक में एक शख़्स की पीट-पीट कर हत्या के मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर हो गई है। सीसीटीवी फुटेज में इसका खुलासा हो गया कि पुलिस घायल रकबर को पहले अस्पताल पहुंचाने की जगह गयों को गौशाला पहुंचाने में जुटी रही। इससे उसकी मौत हो गई।
मामले में पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए दोषी थानाप्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया है तथा एएसआई को निलंबित कर दिया है। वहीं पुलिस की भूमिका पर उठते सवाल के बीच मामले की जांच सीनियर अफसर को सौंप दी गई है. एडिशनल एसपी क्राइम और विजिलेंस के एडिशनल एसपी अब इस मामले की जांच करेंगे.
वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने याचिका दी है. जिसमें उन्होंने राजस्थान सरकार के खिलाफ अवमानना की याचिका दी है. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका की सुनवाई 28 अगस्त को करेगा. यह मामला 21 जुलाई की रात का है जब रकबर खान को कुछ लोगों में गोतस्करी के शक में पिटाई की।
जिस वजह से उसे काफी गम्भीर चोट भी आई थी। मौके पर मौजूद शख्स ने पीसीआर को जानकारी दी। पीसीआर आई,रकबर को अपनी जीप में लादा और अस्पताल लेकर रवाना हुई। अस्पताज पहुचनें पर डॉक्टर्स ने रकबर को मृत घोषित कर दिया।
बीजेपी के विधायक ज्ञान देव आहुजा ने रकबर खान की मौत पर कहा कि गोरक्षकों को बदनाम किया जा रहा है, असल में उसकी मौत के लिए राजस्थान पुलिस जिम्मेदार है। वहीं इस संबंध में राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद्र कटारिया ने कहा था कि पहली नजर में ऐसा नहीं लगता है लेकिन प्याज के छिलके की तरह परत दर परत खुलती गई।