Saturday, 04 August 2018 12:18. Pm
Sadique Shaikh
इलाहाबाद। अमित शाह के नगर आगमन पर हम लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत छात्र-छात्राओं के हितों को लेकर ज्ञापन देना चाहते थे। लेकिन उनके काफिले में लगे सुरक्षा कर्मियों ने जो बर्ताव किया वह बेटिंयों के सम्मान को कुचल दिया। उक्त बातें शुक्रवार को पत्रकारों से इलाहाबाद विश्वविद्यालय की शोध छात्रा नेहा यादव ने कही।
छात्रा की मांग है कि बेटिंयों के साथ अभद्रता व अमानवीय व्यवहार करने वाले पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाय। मै और सीएमपी डिग्री कालेज की पूर्व उपाध्यक्ष रमा यादव और छात्र मौर्या सहित कई अन्य लोग अमित शाह के आगमन पर उनसे मिलकर छात्र हित एवं विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियंमिताओं एवं ओबीसी और एस.सी के छात्रों के साथ हो रहे अन्याय से अवगत कराना चाह रहे थे। लेकिन उन्हें कहीं मौका नहीं मिला। जिससे वापसी में धूमनगंज थाना क्षेत्र में वह काला झंडा दिखाने का मन बना लिया। लेकिन जान की परवाह किये वगैर मैने यह कदम उठाया। फिर भी तानाशाह बन चुके अमित शाह के दिल में बेटियों के लिए जरा सी भी दया नहीं दिखी। इसके विपरीत अमित शाह ने अपने सुरक्षा कर्मियों को निर्देशित किया कि दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया जाय। मेरी मांग है कि अमित शाह व उनके साथ लगे सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाय। नेहा ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी के बाद उन्हें जंगली इलाके में ले गये और चार घंटे तक रखकर धमकी दी जाती रही और मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया गया। नेहा यादव ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हो रही शिक्षक भर्ती, छात्रों के प्रवेश, एवं ओबीसी,एससी छात्रों के साथ अन्याय और विश्वविद्यालय परिसर में छात्राओं के साथ हो रही छेड़खानी की वारदातों सहित कई अन्य मुद्दे अमित शाह से कहती। इसकी मुख्य वजह बताया कि यूपी के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री दोनों लोग ताना शाह बनचुके अमित शाह के इशारे पर ही काम कर रहें है। जिसकी वजह से अमित शाह को ज्ञापन देना चाह रही थी।