Thursday, 16 August 2018 5:45 pm
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मुम्बई पुलिस ने चाइल्ड ट्रैफिकिंग के मामले में बड़ी सफलता हासिल करते इसके गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने गिरोह के सरगना को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। इस गिरोह ने देश के करीब 300 बच्चों को अमेरिका में बेच दिया और वह भी 135 करोड़ रुपए में । यानी एक बच्चे की कीमत लगाई करीब 45 लाख रुपए। सरगना की पहचान गुजरात निवासी राजूभाई गमलेवाला के तौर पर हुई है।
राजू ने यह रैकेट 2007 में शुरू किया था और वह अमेरिका में लोगों को बच्चे बेचा करता था। बच्चों की उम्र 11 से 16 साल की उम्र के बीच होती थी। वो अकसर गरीब घर से आते थे। एक पुलिस अफसर ने बताया था कि इन्हें अधिकतर गुजरात से लाया जाता था। पालन-पोषण करने की हालत में नहीं होने वाले परिवार अपने बच्चों को बेच देते थे।
गमलेवाला को जब भी अमेरिका से ऑर्डर मिलता था, वो अपने गैंग को आम तौर पर गुजरात से ऐसे परिवार ढूंढने को कहता था, जो अपने बच्चे बेचने को तैयार हों। साथ ही वो ऐसे परिवार भी ढूंढते जो अपने बच्चों के पासपोर्ट किराए पर देने को तैयार हों।
खरीदे गए बच्चों के चेहरे से मिलता-जुलता कोई पासपोर्ट चुना जाता था। फिर इन बच्चों को एक शख्स अमेरिका ले जाता था। इन बच्चों का थोड़ा मेकअप कर दिया जाता था, ताकि पासपोर्ट वाले चेहरे से उनके चेहरे का मिलान हो। उन्हें खरीददारों को बेचने जाने वाला शख्स वापस आकर पासपोर्ट के असली होल्डर को पासपोर्ट सौंप देता था।
इस रैकेट का पर्दाफाश इस साल मार्च में ही हुआ था, तब इस रैकेट के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन अब इस गिरोह के सरगना के दबोचे जाने से मुंबई पुलिस को बड़ी सफलता मिली है।