Sunday, 09 September 2018 6:35 pm
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वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण भी अब राफेल सौदे के खिलाफ खड़े हो गए हें । उन्होंने दावा किया कि राफेल सौदा इतना बड़ा घोटाला है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती । उनहोंने कहा कि ऑफसेट करार के जरिए रिलायंस समूह को दलाली के तौर पर 21 हजार करोड़ रुपए मिले हैं ।
उन्होंने इस सौदे से जुड़ी कथित दलाली की 1980 के दशक के बोफोर्स तोप सौदे में दी गयी दलाली से तुलना की। अंबानी ने इससे पहले आरोप से इनकार किया था। भूषण ने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने केवल सौदे में अनिल अम्बानी की कंपनी को जगह देने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से ‘समझौता’ किया, भारतीय वायु सेना को ‘बेबस’ छोड़ दिया।
टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘‘राफेल सौदा इतना बड़ा घोटाला है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। बोफोर्स 64 करोड़ रुपये का घोटाला था जिसमें चार प्रतिशत कमीशन दिया गया था। इस घोटाले में कमीशन कम से कम 30 प्रतिशत है। अनिल अम्बानी को दिए गए 21,000 करोड़ रुपये केवल कमीशन हैं, कुछ और नहीं।’’
राफेल सौदे के बाद लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करने वाली फ्रांसीसी कंपनी डसाल्ट ने भारतीय कंपनियों के लिए व्यापार के सृजन के दायित्वों का पालन करने के लिए रिलायंस ग्रुप के साथ एक संयुक्त उद्यम शुरू किया।