Thursday, 13 April 2017 11:00 PM
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सीरिया में चल रही तनातनी के बीच अमेरिका ने अफगानिस्तान पर दुनिया का सबसे बड़ा नॉन-न्यूक्लियर बम गिरा दिया है. यह दुनिया में खूनखराबे के नए दौर की शुरुआत है.
दूसरे विश्व युद्ध में जापान पर हुए परमाणु हमले के बाद सबसे बड़ा बम धमाका किया गया है. अमेरिका ने यह बम अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में गिराया है. पूरी दुनिया कयास लगाने में जुटी हुई है कि आखिर अब ऐसा क्या हो गया अफगानिस्तान में जो इतने बड़े बम को गिराने की जरूरत पड़ गई.
जानिए, क्या खास है इस 1 टन वजनी बम में -
- GBU-43/B बम, जिसे Massive Ordnance Air Blast Bomb या MOAB भी कहा जाता है.
- करीब 1 टन वजनी इस बम को दुनिया 'मदर ऑफ बम' कहती है, तो रूस इसे 'फादर ऑफ बम' बताता है.
- हीरोशिमा पर गिराए गए बम से इस बम का आकार दोगुना है.
- इस बम को इराक युद्ध के दौरान बनाया गया था.
- इस बम को एमसी-130 एयरक्राफ्ट से गिराया गया.
- बम धमाके ने 300 मीटर के दायरे में गड्ढा बना दिया है.
- इस हमले में कितने लोग मारे गए हैं, इसका आंकलन यूएस मिलिट्री कर रही है.
इस बम को गिराने के कारण-
- नंगरहार प्रांत में गिराया गया है बम. जहां तालिबान, अलकायदा या आईएसएस का दबदबा है.
- माना जा रहा है कि इस इलाके में काफी सुरंगे हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकी करते थे.
इस महाबम को गिराए जाने के पीछे डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक नीति के रूप में देखा जा रहा है. वे हाल ही में सीरिया पर 59 टॉमहॉक मिसाइल दाग चुके हैं. रूस से चल रहे तल्ख रिश्तों के बीच अफगानिस्तान के इस हमले को खूनखराबे का नया दौर शुरू होने के रूप में देखा जा रहा है.