Saturday, 06 January 2018 8:11
G.A Siddiqui
रांची: चारा घोटाला के एक अन्य मामले में रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई है। उन्हें 5 लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा।
अदालत ने इस मामले में लालू यादव के अलावा 7 अन्य आरोपियों को साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। चारा घोटाले में यह दूसरा मामला है, जिसमें लालू यादव को सजा सुनाई गई है।
लालू यादव समेत अन्य आरोपियों को इस मामले में 3 जनवरी को सजा सुनाई जानी थी लेकिन इसे तीन बार टालना पड़ा।
गौरतलब है कि 23 दिसंबर को अदालत ने लालू को देवघर जिला राजकोष से फर्जी रूप से करीब 85 लाख रुपये निकालने का दोषी करार दिया था। इसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर रांची के बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया था। वहीं इस मामले में अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। कुल 22 आरोपियों में से अदालत ने 7 को बरी किया था जबकि लालू यादव समेत 15 लोगों को दोषी करार दिया गया था। लालू और जगन्नाथ मिश्रा चारा घोटाले के एक अन्य मामले में दोषी करार दिए जा चुके हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर थे। लेकिन इस फैसले की वजह से लालू यादव को जेल जाना पड़ा था। गौरतलब है कि झारखंड हाई कोर्ट ने नवंबर 2014 में लालू यादव को बड़ी राहत देते हुए उन पर लगे घोटाले की साजिश रचने और ठगी के आरोप हटा दिए थे। हाई कोर्ट ने कहा था कि किसी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए दो बार सजा नहीं दी जा सकती। हालांकि सीबीआई की अपील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए लालू पर आपराधिक मामला चलाने की मंजूरी देते हुए नौ महीनों के भीतर सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था।
950 करोड़ रुपये के इस चारा घोटाला मामले में संलिप्तता के लिए लालू यादव को 1997 में बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा तक देना पड़ा था।
तेजस्वी यादव ने कहा कि मैंने जो खत लिखा है, उसे बिहार की जनता तक पहुंचाना। आज हमारी बैठक मे इस खत को पढ़ा गया। लालू जी ने सभी पार्टी के लोगों को इस संदेश को घर-घर तक पहुंचाने का निर्देश दिया है।बतादे कि कोर्ट ने तीनों पूर्व IAS अधिकारियों को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई है। जिसमें फूलचंद सिंह, महेश व बेक जूलियस शामिल हैं। वहीं, राजेंद्र शर्मा, सुशील कुमार सिन्हा, सुशील कुमार को तीन साल साल की सजा और पांच-पांच लाख का जुर्माना। दरअसल, ये पूरा मामला वर्ष 1994-96 के बीच देवघर ट्रेज़री से 84.5 लाख रुपये की अवैध निकासी का है। उस वक़्त लालू बिहार के मुख्यमंत्री थे। 64ए/96 के रूप में अदालत में दर्ज इस केस की पिछले 23 दिसम्बर को लालू समेत जिन 16 लोगों को दोषी ठहराया गया है। दोषियों में तीन फॉर्मर आईएएस अधिकारी-फूलचन्द मंडल, बेक जूलियस और महेश प्रसाद शामिल हैं।