Tuesday, 31 July 2018 03:50 PM
Chaudhary Salman Nadwi
नई दिल्ली, आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2018 लोकसभा से पारित हो गया है। इस कानून में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के दोषियों को मौत की सजा का प्रावधान है. साथ ही 16 साल से छोटी बच्चियों से रेप का दोषी पाए जाने पर कम से कम 20 साल की कठोर सजा का प्रावधान है, जिसे उम्रकैद तक भी बढ़ाया जा सकता है। सोमवार को सभी दलों की सहमति से लोकसभा में यह विधेयक पारित हो गया।
अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां से पास होने के बाद यह कानून का रूप ले लेगा। यह नया कानून अमल में आने के बाद 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के केस में मौत की सजा दी जाएगी. यह विधेयक 21 अप्रैल को लागू दंड विधि संशोधन अध्यादेश 2018 की जगह लेगा।
विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा इस नए कानून के तहत जांच पड़ताल में कोई भी पीड़िता से उसके आचरण के बारे में सवाल नहीं पूछ सकता है। उन्होंने कहा कि IPC की शब्दावली के तहत बिल में 16 साल से कम उम्र के लिए भी बच्ची के स्थान पर महिला शब्द का प्रयोग किया गया है।
अप्रैल, 2018 में मोदी कैबिनेट ने पॉक्सो एक्ट में संशोधन किया था। जिसके तहत 16 और 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा का प्रावधान किया गया था। पॉक्सो एक्ट में संशोधन के बाद सरकार अध्यादेश लाई है, जो (30 जुलाई) को लोकसभा से पारित हो गया है। अब यह विधेयक राज्यसभा भेजा जाएगा।