Sunday, 30 September 2018 2:03
G.A Siddiqui
रेप का मुकदमा दर्ज कराने के कुछ दिन बाद ही केस वापस लेने की अर्जी डालने या आरोपी को बचाने के लिए बयान बदलने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा संदेश दिया है। अदालत ने कहा है कि रेप आरोपी को बचाने के लिए अगर पीड़ित पक्ष उससे समझौता करता है या बयान से पलटता है तो उल्टा उसी के ऊपर केस दर्ज किया जाएगा।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि उल्टा मुकदमा करने की स्थिति तभी बनेगी जब आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत होंगे। यानी रेप केस में अगर आरोपी के खिलाफ साक्ष्य कोर्ट में मौजूद हो, इसके बाद भी अगर पीड़िता आरोपी को बचाने की कोशिश करती है तो उल्टा उसी के ऊपर मुकदमा चलाया जाएगा।
जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने कहा कि रेप पीड़िता के मेडिकल रिपोर्ट में भी अगर आरोपी को क्लीनचिट दे दी जाती है, लेकिन अन्य सबूतों के आधार पर कोर्ट को लगता है कि रेप हुआ था। इसके बाद भी पीड़िता आरोपी को बचाने की कोशिश करती है तो कोर्ट पीड़िता के ऊपर ही मुकदमा चलाने का आदेश दे सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी रेप केस के एक मामले में सुनवाई के दौरान की है। दरअसल, इस मामले में कोर्ट ने आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में पीड़िता ने कोर्ट में कहा कि उसके साथ रेप नहीं हुआ है।