Wednesday, 25 September 2019 7:22
Abdullah Siddiqui
दैनिक विस्तार-सिद्धार्थनगर। शोहरतगढ नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड न.3 गांधीनगर निवासी एक दलित व्यक्ति परिवार सहित बुधवार से जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गया है। उसका आरोप है कि नगर स्थित सरस्वती शिशु एवं विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य ने सिर्फ इस वजह से चार बच्चों को विधालय से निकाल दिया क्योंकि वह दलित समाज से है। उन्हें जिलाधिकारी कार्यालय पर मीडिया से बातचीत में कहा है कि जब तक उसे और उसके बच्चों को न्याय नहीं दिया जाता है, तब तक वह धरने पर बैठा रहेगा। पीडित शिव कुमार का कहना है कि विद्या मंदिर प्रशासन की इस प्रकार कार्रवाई से वह काफी आहत है। बिना कारण अगर किसी भी बच्चें को जाति के आधार पर विधालय से निकला जाता है, तो सरकार की सबकों शिक्षा से जोडने की मंशा तार-तार हो रही है। विधालय के प्रबंधतंत्र का यह भेदपूर्ण रवैया निंदनीय है। उसने अपनी शिकायत मुख्यमंत्री समेत कई अधिकारियों से की है और न्याय की मांग की है। शिवकुमार ने इस प्रकरण की शिकायत अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग से भी की है। इस घटना से पूरे जिले में भूचाल आ गया है। लोग विधालय प्रबंधतंत्र की इस कदम की आलोचना करते नजर आ रहे है। लोगों का कहना है कि आज जब हम गर्व से कहते है कि हम 21 वी सदी में जीने की बात कह रहे हैं तो बच्चों के दलित होने के कारण शिक्षा से वंचित कर देना घोर अन्याय है। लोगों ने मुख्यमंत्री से दलित परिवार को न्याय देने की मांग की है।