Saturday, 18 April 2020 7:20
G.A Siddiqui
आज़मगढ़ में सामंती तत्वों के हौसले बुलंद, दलित युवक की हत्या कर लाश घर ले जाकर दी धमकी
जमातियों पर इनाम घोषित करने वाले आजमगढ़ कप्तान कब करेंगे सामंती कोरोनाओं पर इनाम घोषित
लखनऊ/आज़मगढ़ 18 अप्रैल 2020. रिहाई मंच ने कहा कि कोरोना महामारी से जहां पूरा देश भयभीत है वहीं सामंती तत्व इसका फायदा उठाकर दलितों पर हमलावर हैं. आज़मगढ़ में दलित युवक की हत्या के बाद उनके शव को घर ले जाकर कोई कानूनी कार्रवाई न करने की धमकी की घटना के बाद रिहाई मंच ने परिजनों से मुलाकात की. सरकार दलितों को संवैधानिक सुरक्षा और नागरिक अधिकार तो बड़ी बात राशन तक सही से उपलब्ध नहीं करा पा रही. सामंती तत्वों ने आज़मगढ़ के जीयनपुर में दलित युवक की हत्या की तो वहीं 15 अप्रैल को चंदौली जिले के शहाबगंज थाना क्षेत्र के महड़ौर में स्थित संत रविदास की प्रतिमा को बुधवार शाम में तोड़ दिया.
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि सूबे में सवर्ण सामंती तत्वों के हौसले बुलंद हैं और वो दलितों की हत्या कर उनकी लाश घर ले जाकर पूरे के पूरे परिवार को जानमाल की धमकी दे रहे हैं. मंच महासचिव ने आजमगढ़ के कप्तान जिन्होंने जमातियों की सूचना देने वालों को पांच हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की उनसे पूछा कि कब इन सामंती कोरोनाओं के खिलाफ वो इनाम घोषित करेंगे. जमात के लोगों की जो लिस्ट सार्वजनिक हुई उसमें आज़मगढ़ के लोगों का नाम नहीं था पर कप्तान साहब कहते हैं कि उन्हें ऑफिसियल सूचना है, उन्होंने डोर टू डोर सर्वे भी करवाया है, लोग गए थे, छुपे हैं, दिल्ली गए थे और मरकज भी गए थे.
रिहाई मंच नेता बाकेलाल यादव और उमेश कुमार ने बताया कि आजमगढ़ जिले के जीयनपुर थाना क्षेत्र के गरेरूआ गांव में विजन सिंह और दीपू सिंह ने गांव के ही दलित युवक अंकुर की हत्या कर दी. हत्यारों का आपराधिक मनोबल इतना बढ़ा था कि उन लोगों ने उसकी लाश को उसके घर पहुंचा कर उसके भाई राहुल को सुलह करने की धमकी दी. ऐसा न करने पर उसको भी जान से मारने की धमकी दी. ये घटनाएं दर्शाती हैं कि योगी सरकार में एक जाति के लोग एक बार फिर से मनुवादी व्यवस्था स्थापित कर संवैधानिक मूल्यों की हत्या और अपनी तानाशाही स्थापित करना चाहते हैं. दलितों पर हमले इस बात का सुबूत हैं कि सरकार सूबे में डर की राजनीति स्थापित करना चाहती है.
मंच ने कहा कि जहां आज Covid 19 जैसी महामारी में वंचित समाज का मजदूर खाने और दवा के लिए परेशान है वहीं उनकी हत्याएं सरकार की विफलताओं पर सवालिया निशान हैं।