Tuesday, 29 September 2020 10:36
G.A Siddiqui वायरल वीडियो ने बदल दी गुरु की परिभाषा।
कही मानसिक विक्षिप्त तो नही प्रधानाध्यापक।
"गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागू पांय।
बलिहारी गुरू आपने गोविन्द दियो बताय।।"
सिद्धार्थनगर। कबीरदास द्वारा लिखी गई उक्त पंक्ति से गुरु का मान, गुरू का दर्जा ईश्वर से भी बड़ा माना गया है। कहते हैं बिना गुरु के ज्ञान के सत्य और असत्य का ज्ञान नही होता, बिना उनके मोक्ष तक की प्राप्ति नही होती, लेकिन आज के परिवेश में तो गुरु ने अपनी परिभाषा ही बदल डाली है।
जी हां गुरु शब्द को कलंकित करने का ऐसा ही एक मामला आया है। मामला विकास क्षेत्र उसका बाजार के पुर्व माध्यमिक विद्यालय गंगाधरपुर का है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो ने गुरु शब्द की गरिमा ही को तार तार कर दिया है। वीडियो में उक्त विद्यालय पर तैनात अध्यापक अभय श्रीवास्तव बड़े ही क्रोध में मोबाईल तोड़ते दिखाई दे रहे हैं, मानव लगता हो कि जैसे कोई विक्षिप्त। वीडियो से स्पष्ट लगता है कि कोई गम्भीर प्रकरण है, जिसे लेकर श्री श्रीवास्तव अपना क्रोध मोबाईल पर निकाल रहे हैं, अपने को पागल होने जैसा शब्द इस्तेमाल कर रहे हैं, या वह वास्तव में विक्षिप्त हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक विकास क्षेत्र उसका बाजार के पूर्व माध्यमिक विद्यालय गंगाधरपुर पर तैनात महिला शिक्षिका ने प्रधानाध्यापक अभय श्रीवास्तव पर उत्पीडन व बदसलूकी का आरोप लगाया है। पीड़ित शिक्षिका ने पुलिस अधीक्षक को दिये गये शिकायती पत्र में उसके साथ मारपीट और जान से मारने का आरोप लगाया है। पुलिस अधीक्षक ने मामले का संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं।
कार्यवाही जो भी हो, शिक्षा के मन्दिर में ऐसे विक्षिप्त लग रहे गुरु द्वारा अपने शिष्यों के साथ कैसा सलूक किया जाता होगा, विचारणीय प्रश्न है। वायरल हो रहे वीडियो से उक्त विद्यालय में अध्ययनरत्न छात्रों के अभिभावकों में अपने शिष्यों को लेकर भय का संसय है।
वायरल हो रहे वीडियो में उक्त अध्यापक के क्रोध को लेकर किसी बड़ी बात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। बहरहाल यह तो जाँच का विषय है, मग़र जाँच निष्पक्ष और पारदर्शी हो। वैसे प्रायः जाँच में मामले की लीपापोती कर कोरम पूरा किया जाता रहा है। ऐसे में अगर जाँच शिक्षा विभाग के अलावा किसी अन्य एजेंसी से कराई जाय तो सच्चाई सामने आने की सम्भावना प्रबल होगी।