Sunday, 29 November 2020 7:15
Abdullah Siddiqui
शैलेन्द्र पंडित
ग्राम पंचायतों के बैठकों के साथ पत्रावलियों के रखरखाव हेतु पंचायत विभाग की ओर से क्षेत्र के चयनित 32 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन का निर्माण किया गया
बांसी/खेसरहा।क्षेत्र के ग्राम पंचायतों की बैठक व पत्रावलियों के रखरखाव के लिए करोड़ों रुपये व्यय कर क्षेत्र में लगभग तीन दर्जन पंचायत भवन तथा दो दर्जन मिनी सचिवालय का निर्माण किया गया , लेकिन जिस उद्देश्य से इसका निर्माण हुआ वह पूरा नहीं हुआ । भवन निर्माण में की गई खानापूरी के साथ निर्मित कक्षों की देखभाल एवं मरम्मत के अभाव में चलते खंडहर में तब्दील गांव से दूर के भवन जंगली जानवरों के निवास स्थल तथा समीप के भवन भूसा कंडा व निजी घर बन कर रह गये ।
ग्राम पंचायतों के बैठकों के साथ पत्रावलियों के रखरखाव हेतु पंचायत विभाग की ओर से क्षेत्र के चयनित 32 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन का निर्माण किया गया जिस पर करोड़ों रुपए व्यय किये गए , लेकिन निर्माण में की गई खानापूरी के चलते इसमें अधिसंख्य की स्थिति बनने के बाद ही जर्जर हो गयी । ग्राम पंचायत कोहड़ी , झांझापार , बरनवाल, भुसौला , सिरसिया चौबे आदि पंचायत भवन अधूरे निर्माण में पड़ा हुआ है जो इसके उदाहरण हैं। इसी प्रकार की स्थिति यहां के मिनी सचिवालय की है ।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2010 -11 में करोड़ों रुपए की लागत से ग्राम बेलवालगुनही, मसैचा , गहवनियां ,ऐंंचनी ,बसखोरिया , केशवार भलुहा , महुआ, बनकेगांव कोहड़ी,,तथा करही बगही सहित 23 ग्राम पंचायतों में मिनी सचिवालय बनाए गये , जिसमें ग्राम सचिव , लेखपाल तथा ग्राम पंचायत स्तरीय अधिकारियों /कर्मचारियों का कार्यालय खोला जाना था । इस भवन में ग्राम स्तरीय बैठक में बहुमत अथवा सर्व सम्मति से के आधार पर कल्याणकारी योजनाओं के साथ निर्णय लिया जाना था ,लेकिन निर्माण में की गई खानापूरी के चलते भवनो की स्थिति जहां जर्जर हो गई है वहीं इसमें आज तक न तो बैठक बुलाई गई और न तो किसी अधिकारी ने बैठकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनी । ग्राम पंचायत बसखोरिया का सचिवालय गांव के लोगों का निजी भवन बन चुका है।