Wednesday, 02 December 2020 11:32
G.A Siddiquiसिद्धार्थनगर। सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को लेकर अफसरान कितने गम्भीर इसकी बानगी देखनी है तो सदर तहसील के सटे बनी भव्य बहुमंजिला बिल्डिंग के निर्माण से लगाया जा सकता है। वैसे तो बिल्डिंग स्वामी ने अपने पहुंच और रसूख के बल पर कूटरचित तरीके से सरकारी भूमि पर बहुमंजिला इमारत का निर्माण करा लिया, मग़र जिम्मेदार अफसर आखिर अब तक करवाई क्यों नहीं कर रहे समझ से परे है। बहुमंजिला इमारत निर्माण में कही जिम्मेदार अफसरों का संरक्षण तो नही? अहम सवाल है। हालांकि यूपी की योगी सरकार भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है, और अवैध कब्जाधारियों को चिन्हित कर कार्रवाई कर रही है। भू-माफिया एंटी टास्क फोर्स का गठन भी हुआ है, मग़र यहां कार्रवाई क्यों नहीं हो पा रही? गम्भीर विषय है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सदर तहसील अंतर्गत नगरपालिका राहुलनगर में बहुमंजिला भव्य इमारत का निर्माण किया गया है, जिसमें अवैध कब्जे को संज्ञान में लेकर नियत प्राधिकारी ने पाँच सदस्यीय टीम का गठन किया और आख्या माँगी। पाँच सदस्यीय जाँच टीम की आख्या में नवीन परती की जमीन पर इमारत के अवैध निर्माण की रिपोर्ट के बाद भी कार्रवाई नही हुई।
बता दें कि पांच सदस्यीय टीम की आख्या के अनुसार, गाटा संख्या 429 एवं 431 के जुज भाग( अंश) से 40×29 का दूसरा बैनामा क्रय किया गया, जो नवीन परती दर्ज है। ऐसे में बिल्डिंग स्वामी ने पहले गाटा संख्या 430 मिन्न से 561बर्ग फिट जमीन का रजिस्टर्ड क्रय किया,और निर्माण कार्य शुरू किया। ततपश्चात कुछ समय बाद ही कूटरचित दस्तावेज तैयार कर पीछे स्थित नवीन परती की जमीन पर अवैध निर्माण शुरू हुआ जिसकी शिकायत पर नियत प्राधिकारी ने जांच कराई और निर्माण अवैध पाए जाने के बाद भी करवाई तो दूर निर्माण कार्य तक नही रुका और बहुमंजिला इमारत बन गई। ऐसे में योगी सरकार भू- माफियाओ के विरुद्ध चल रहे अभियान में कैसे सफल होगी?
बहरहाल बहुमंजिला इमारत निर्माण के बाद क्या ऐसे भू माफिया के विरुद्ध कार्रवाई कब होगी? कुछ नही कहा जा सकता। इसके अलावा भवन स्वामी के विरुद्ध मुकदमा तक दर्ज नही कराया गया, और न ही कोई कार्रवाई की गई है। सूत्र की माने जाँच रिपोर्ट की आख्या के बाद जिम्मेदार अफसर ने मोटी रकम वसूल कर निर्माण कार्य को नही रोका, और न ही भवन स्वामी के विरुद्ध कोई कार्रवाई की, और देखते ही देखते भव्य बहुमंजिला इमारत का निर्माण पूरा करा लिया गया।