Friday, 04 November 2016 2:10pm
Nawaz Shearwani
10 रुपये का सिक्का करवा सकता है जेल, देखिए जीते जागते
व्यापारियों के लिए जरूरी खबर। 10 रुपये का सिक्का आपके खिलाफ एफआईआर करवा सकता है, जेल भी हो सकती है। देखिए उदाहरण। पिछले कुछ दिनों में रोहतक डीएम ने 14 दूध की डेयरियां, 6 इलेक्ट्रॉनिक की दुकानें, 8 सर्राफ की दुकानें, 16 सब्जी की दुकानें, 5 किरयाना दुकानें, 8 मेडिकल की दुकानें सील कर दीं। कारण वहीं, इन सभी दुकानदारों ने 10 रुपये का सिक्का लेने से मना कर दिया था। आरबीआई में शिकायत हुई और दुकानों को सील करने के निर्देश आ गए। इन सभी दुकानदारों पर भारतीय मुद्रा का बहिष्कार किए जाने का केस दर्ज किया गया है। एहतियात के तौर पर, अगर आप के भी शहर या कस्बे में भी ऐसा हो रहा हो तो उसका वीडियो या ऑडियो बना कर इलाके के डीएम ऑफिस या थाने में बताएं। इस तरह से भारतीय मुद्रा का बहिष्कार करने वाले को 17 साल की सजा या 20000 रुपये का जुर्माना या फिर दोनों सजा दी जा सकती है। गौरतलब है कि अमरउजाला डॉट कॉम ने पहले भी यह मुद्दा उठाया था कि 10 रुपये का सिक्का लेने से मना करने पर कार्रवाई हो सकती है। रोहतक में स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की एक शाखा के कैशियर कार्रवाई भुगत रहे हैं। उन्होंने 10 रुपए के सिक्के लेने से मना करना की दिया था। मामला 3 अकतूबर का था और अनीता नाम की महिला ने आरबीआई को इसकी शिकायत दे दी थी। उसके बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई। बता दें कि हाल ही में दिल्ली, हरियाणा और बिहार में नकली सिक्कों की चार फैक्ट्रियां पकड़ी गईं। खुलासा हुआ कि बड़े पैमानों पर सिक्कों का गोरखधंधा हो रहा है। फिर नकली सिक्कों की वजह से लोगों ने 10 के सिक्कों का लेन-देन बंद कर दिया। बाजार में छोटे दुकानदार और रेहड़ी वाले दस रुपये के सिक्के लेने से इंकार कर रहे हैं। सबसे अधिक समस्या सब्जी मंडी में और ऑटो का इस्तेमाल करने वाले लोगों के साथ आ रही है। हालांकि यह आरबीआई के नियमों के मुताबिक़ गलत है। असली नोट या सिक्का लेने से इंकार करने वाले लोगों को जेल तक हो सकती है। एफआईआर दर्ज होने पर पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ चालान करके न्यायालय से सजा दिला सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक ने दस रुपये का सिक्का चलन से बाहर नहीं किया है। आरबीआई के मुताबिक, 10 रुपए का सिक्का पूरी तरह से वैध है, लोग लेनदेन में इसका खुलकर इस्तेमाल करें। यदि कोई व्यक्ति या दुकानदार दस रुपये का सिक्का लेने से मना करता है, तो उसके खिलाफ धारा 489(ए), 489(ई) और आईपीसी की धारा 121 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। असली सिक्का लेने से मना करना कानूनन गलत और भारतीय मुद्रा का अपमान है। यह है सजा का प्रावधान: नोट या सिक्के का जाली मुद्रण, जाली नोट या सिक्के चलाना और सही सिक्कों को लेने से मना करना भारतीय दंड संहिता की धारा 489ए से 489इ के तहत अपराध है। इन धाराओं के तहत किसी विधिक न्यायालय द्वारा आर्थिक दंड, कारावास अथवा दोनों की सजा दी जा सकती है।