Saturday, 26 January 2019 7.45pm
Nawaz Shearwani
ईमान इंसान की सबसे बड़ी दौलत - तनवीर
-खूनीपुर में जलसा
गोरखपुर। खूनीपुर पानी की टंकी के पास 'जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी' जलसा हुआ। इस दौरान अकीदतमंदों में लंगर बांटा गया।
बतौर मुख्य अतिथि सालेहपुर के सैयद तनवीर अशरफ़ जिलानी ने कहा कि आज के दौर में ईमान को बचाने के साथ उसे मजबूत करना भी जरूरी है, क्योंकि ईमान इंसान की सबसे बड़ी दौलत है। अगर हमारे पास ईमान नहीं है तो उस जिंदगी का कोई मतलब नहीं है। इंसान का ईमान दीनी तालीम से मजबूत होता है। ईमान से दुनिया और आखिरत संवरती हैं। अल्लाह ने सबसे बेहतरीन मखलूक (जीव) इंसान को बनाया है। इंसान में सबसे बेहतर ईमान वाला होता है। आज ईमान वालों की वजह से ही दुनिया कायम है।
अध्यक्षता करते हुए मुफ़्ती अख़्तर हुसैन ने कहा कि पैगंबर-ए-आज़म (हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) पूरी जिंदगी दुनिया में अमन चैन व ईमानी हिदायत के लिए काम करते रहे। उन्होंने हर पीड़ित व मजलूम की न सिर्फ सहायता की, बल्कि उसके लिए त्याग भी किया। मुफ्ती अख्तर ने मौजूद लोगों को इंसानियत की राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कहा कि अल्लाह ने इंसान को अपनी इबादत और बंदगी के लिए पैदा फरमाया है। हमारी रहनुमाई के लिए अल्लाह ने पैगंबर-ए-आज़म (हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) को भेजा और उन पर कुरआन-ए-पाक नाजिल फरमाया। बेहतर दीनी व दुनियावी जिंदगी के लिए कुरआन और हदीस की तालीमात पर अमल करना होगा। इस पर अमल करने वाले ईमान वाले हैं।
तिलावत कारी सरफुद्दीन ने की। नात शरीफ कारी नसीमुल्लाह, हाफिज शहादत हुसैन, मो. ताहिर रजा व मो. शारिक रजा ने पेश की। संचालन हाफिज अजीम अहमद ने किया। अंत में सलातो-सलाम पढ़कर मुल्क व मिल्लत के लिए दुआ मांगी गयी। इस मौके पर हाजी मो. रजा, शेख मकसूद अहमद, मो. अरशद, शेख माशूक अहमद,
मो. इरफान, मो. आदिल रजा, बशर अली सहित तमाम अकीदतमंद मौजूद रहे।