Wednesday, 23 January 2019 8.00pm
Nawaz Shearwani
गोरखपुर 23 जनवरी। मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्र झाबुआ व धार जिले में पाए जाने वाला ‘कड़कनाथ’ मुर्गा अब अपने शहर में भी बिकने लगा है साथ में बिक रही है ‘बटेर’। मदीना मस्जिद रेती चौक के पास जफ़र होटल के नीचे फैमिली चिकन शॉप में ‘कड़कनाथ’ 1200 रुपए में बिक रहा है, वहीं ‘बटेर’ 70 रुपए में बिक रही है। दोनों की डिमांड भी है। दुकान के मालिक ज़्याउल्लाह उर्फ मुन्नू ने बताया कि ‘बटेर’ 20 दिन पहले से बिकनी शुरू हुई। इसे बरेली जिले से मंगाया जा रहा है। काफी डिमांड है। शादियों में भी आर्डर मिलने लगे हैं। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश से ‘कड़कनाथ’ मुर्गा मंगाया गया है। पहली बार तीस मुर्गे का आर्डर दिया गया है। मुर्गे दुकान पर उपलब्ध हैं। ‘कड़कनाथ’ की कीमत 1200 रुपया है। एक मुर्गे में करीब डेढ़ किलो गोश्त निकलेगा। ‘कड़कनाथ’ को ‘कालीमासी’ भी कहते हैं। इसका गोश्त, चोंच, कलंगी, जुबान, टांगे, नाखून चमड़ी सभी काले होते है। इसमें प्रोटीन की प्रचूर मात्रा पाई जाती है। वहीं वसा बहुत कम होता है। यही वजह है कि इसे औषधीय गुणो वाला मुर्गा माना जाता है। जैसे-जैसे मांग बढ़ेगी उस हिसाब से मंगवाया जायेगा। ‘कड़कनाथ’ की मांग सर्दियों के दिनों में देश ही नहीं विदेशों में भी होती है। हमेशा याद रहने वाले लजीज स्वाद आदि के लिए पहचाने जाने वाले कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गाें की मांग काफी बढ़ गई है। देखते हैं गोरखपुर में इसकी कितनी कद्र होती है। उन्होंने बताया कि कड़कनाथ मुर्गे की प्रजाति के तीन रूप होते है। पहला जेड ब्लैक, इसके पंख पूरी तरह से काले होते हैं। पेंसिल्ड, इस मुर्गे का आकार पेंसिल की तरह होता है। इस शेड में कड़कनाथ के पंख पर नजर आते है। गोल्डन कड़कनाथ, इस मुर्गे के पंख पर गोल्डन छींटे दिखाई देते हैं। उन्होंने बताया कि उनके यहां ‘बटेर’ भी तीन रंग में बिक रही है। ऐसे पकाए ‘कड़कनाथ’ को ‘कड़कनाथ’ मुर्गे की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे ऐसी ग्रेवी के साथ पकाया जाता है जिसकी तासीर ठंडी हो। इसमें मुर्गे को पहले उबाला जाता है और ग्रेवी को अलग से बनाया जाता है इसमें घी, हींग जीरा मेथी,अजवाइन, साथ ही धनिया पाउडर डाला जाता है. इसके बाद दोनों को मिलाकर मुर्गे को पकाया जाता है। यह पकने में आम मुर्गे ज्यादा वक्त लेता है। हालांकि इसका मांस काफी नर्म होता है, अच्छी तरह पकने के बाद इसका मांस आसानी से चबाया जा सकता है। रोस्टेड तरीके से भी बना सकते हैं ‘कड़कनाथ’ मुर्गे के चिकन को रोस्टेड तरीके से भी बनाया जा सकता है। इस विधि में चिकन पीसेस को गर्म मसालों में मिलाकर एक नर्म कपड़े से लपेटा जाता है। इसे आटे से अच्छी तरह से लपेटकर कवर किया जाता है।इसके बाद इसे आंच पर या अंगारों पर रखकर भूना जाता है। 15-20 मिनट तक भूनने के बाद आटे और कपड़े की परत हटाकर खाया जाता है।