Thursday, 24 November 2016 03:00 PM
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नई दिल्ली । राज्यसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर बहस में हिस्सा लेते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, 'नोटबंदी से आम लोगों को परेशानी हो रही है। सरकार इस पर ध्यान दे।' उन्होंने कहा, नोटबंदी के बाद 60-65 लोगों की जान चली गई है, इससे हमारे लोगों का करेंसी और बैंकिंग सिस्टम पर से विश्वास कम हो जाएगा।
मनमोहन सिंह ने कहा, 'जो लोग कहते हैं कि लांग रन में नोटबंदी का फायदा होगा, उन्हें याद रखना चाहिए कि लांग रन में हम सब मर जाएंगे। फायदा देखने के लिए कोई जिंदा नहीं रहेगा।' पूर्व प्रधानमंत्री ने नोटबंदी को खामियों की स्मारक बताया है।
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री कहते हैं कि 50 दिन का इंतजार करें… लेकिन गरीब व्यक्ति के लिए तो ये 50 दिन भी घातक साबित हो सकते हैं। मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि वे किसी एक देश का नाम बता दें जहां लोग बैंकों में अपना पैसा तो जमा कराते हैं, लेकिन निकाल नहीं सकते।'
पूर्व प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कहा, 'हम इस योजना को कैसे लागू कर सकते हैं, इसके लिए रचनात्मक प्रस्ताव के साथ आना चाहिए। देश के ग्रामीण इलाकों में अधिसंख्य लोगों की सेवा करने वाले कोऑपरेटिव बैंकों के बास पैसा नहीं है, वे बंद पड़े हैं।'
मनमोहन सिंह ने कहा, 'उम्मीद करते हैं कि आम लोगों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री किसी व्यवहारिक रास्ते की खोज करेंगे।
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'हम नोटबंदी के फैसले के खिलाफ नहीं हैं। हम इसको लागू करने के तरीके के खिलाफ हैं। देश में पैसे का अभाव है।'
टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने राज्यसभा में कहा, 'सिर्फ 2 फीसदी लोगों के पास कालाधन है, तो फिर 98 फीसद लोगों को नोटबंदी के कारण परेशान होना पड़ रहा है।'