Thursday, 13 October 2016 4:54
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भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की रक्षा में सैनिकों की अहम भूमिका को बताते हुए कहा कि सेना कभी बोलती नहीं वो पराक्रम करती है। उन्होंने कहा कि विश्व शांति सेना में सबसे ज्यादा योगदान भारत का है। शुक्रवार को भोपाल में शौर्य स्मारक का लोकर्पण करने के बाद पीएम ने पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए 'शहीदों अमर रहो' का नारा भी लगाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वीर जवानों को नमन करने का मौका मिला। भारत के सैन्य बल मानवता की बहुत बड़ी मिसाल है। बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय सेना ने अदम्य साहस दिखाया। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों की पत्थरबाजी के बावजूद हमारे जवानों ने बाढ़ में कश्मीरियों की मदद की। सेना के जवानों ने कश्मीर और केदारनाथ की बाढ़ में अपने आपको खपाया। देश की रक्षा और मानवता की रक्षा में भारत की सेना विश्व में नंबर एक है। हर हिन्दुस्तानी को इन पर गर्व है।
पीएम मोदी ने कहा कि ये भारतीय सैनिक ही है जिन्होंने यमन में फंसे 5000 नागरिकों को बचा करके लेकर आए थे, इनमें पाकिस्तान के भी कुछ नागरिक थे। हमारे पूर्वजों ने कभी भी किसी की एक इंच जमीन पर कब्जे के लिए युद्ध नहीं किया। विश्व युद्ध से हमारा कोई लेना देना नहीं था लेकिन दोनों विश्व युद्धों में हमारे वीर जवानों बलिदान दिया। हम चैन की नींद सो सकें इसलिए हमारे जवान अपनी जवानी खपा देते हैं।
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पीएम मोदी ने कहा कि हम चैन की नींद सो जाएं तो सेना को खुशी मिलती है, लेकिन जागने के समय सो जाएं तो सेना माफ नहीं करती है। पीएम ने कहा कि उन दिनों मेरा बाल नोच लिया जाता था कि मोदी सो रहे हैं, कुछ करते नहीं। लेकिन हमारी सेना बोलती नहीं पराक्रम करती है।
उन्होंने कहा कि जैसे हमारी सेना पराक्रम करती है बोलती नहीं है, वैसे ही हमारे रक्षा मंत्री बोलते नहीं है। देश के वीरों के त्यागों का वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता है, देश के वीरों का जीवन और उनके कार्य हमें प्रेरणा देतें है । ये शौर्य स्मारक हम सबके लिए तीर्थ क्षेत्र है। हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी और रामधारी सिंह दिनकर की कविताएं भी पढ़ी।
इस मौके पर पीएम मोदी ने वन रैंक वन पेंशन की बात करते हुए कहा कि मैं अपना मस्तक जवानों के आगे झुका के कहना चाहता हूँ कि हमारी सरकार ने 'वन रैंक वन पेंशन' का वादा पूरा करने का काम किया है। इसे हम चार किश्त में पूरी तरह वितरित कर देंगे।
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इस मौके पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि शौर्य स्मारक का उद्घाटन तब हो रहा है जबकि सर्जिकल स्ट्राइक में हमारे जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया है। इस मौके पर एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह शौर्य स्मारक जवानों के साहस का मंदिर है।
इसके बाद वे जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज से भी मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री विभिन्न् कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद शाम 7:05 बजे पणजी के लिए रवाना हो जाएंगे।
ऐसा है शौर्य स्मारक - जीवन-मृत्यु, युद्ध-शांति, मोक्ष-उत्सर्ग जैसे अनुभवों को को सरल, सहज तरीके से आर्किटेक्ट के जरिए दर्शाने का प्रयास किया गया है। स्थलाकृतियां के माध्यम से लैंडस्केपिंग कर आकार, रंग-रूप और तकनीक का रोचक ताना-बाना बुना गया है।