Thursday, 17 December 2020 10:27
G.A Siddiqui
अरसद खान।
सिद्धार्थनगर। वरासत दर्ज कराने के लिए अब लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। जिले में वरासत दर्ज करने का अभियान 15 दिसम्बर से शुरू हो चुका है। इसके लिए तिथिवार लेखपाल और राजस्व निरीक्षक गाँव में खुली बैठक कर अभियान समाप्ति पर निर्विवाद वरासत लम्बित नही होने का प्रमाण पत्र भी देंगे। आप घर बैठे अपने मोबाइल से ऑनलाइन या सहज जनसेवा केन्द्र पर आवेदन कर सकते हैं।जिलाधिकारी की अनोखी पहल से लंबित वरासत प्रक्रिया बेहद आसान व सरल होगी, और लोगों को भगदौड़ से निजात मिलेगी।
जिलाधिकारी दीपक मीणा द्वारा वरासत के लिए शुरु इस पहल में निर्धारित तिथिवार लेखपाल एक दिन पूर्व डुग्गी मुनादी कराएंगे। वरासत अभियान के तहत किसी के निजी स्थान पर बैठकर खतौनी नही पढ़ी जायेगी, बल्कि इसके लिए प्रत्येक ग्राम में एक पंजिका बनाई जाएगी। आवेदक खुद घर बैठकर या सहज जनसेवा केंद्र के जरिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आवेदक को राजस्व परिषद की वेबसाइट राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली लिंक पर जाकर उत्तराधिकार अथवा वरासत पर क्लिक करके कर सकते हैं। कोई समस्या आने पर 05544220222 या 9336707675 पर सम्पर्क कर समस्या से अवगत करा सकते हैं। वरासत अभियान की करने के लिए तिथियां निर्धारित की गई हैं, जिसमें ऑनलाइन आवेदन 15 से 30 दिसंबर, हल्का लेखपाल द्वारा जाँच और कार्रवाई 31 दिसम्बर से 15 जनवरी, राजस्व निरीक्षक की ओर से कार्रवाई और आदेश 16 जनवरी से 31 जनवरी तक होगी। राजस्व निरीक्षक के नामांतरण आदेश को अभिलेख में दर्ज कर खतौनी की प्रविष्टियों को साफ्टवेयर में अपडेट 16 से 31 जनवरी तक होगी। इसके अलावा लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार औऱ एसडीएम को विवादरहित मामला बाकी न रहने का प्रमाण पत्र देने की अवधि एक से सात फरवरी, तहसील के दस प्रतिशत गाँवो का सत्यापन 8 से 15 फरवरी तक, अभियान की रिपोर्ट तथा प्रारूप पर वेबसाइट पर अपडेट की कार्यवाही 31 दिसम्बर, 17 जनवरी व 2 फरवरी होगी। जिले स्तर से प्रमाण पत्र राजस्व परिषद को भेजने की समय सीमा को 20 फरवरी निर्धारित की गई है।