Wednesday, 19 October 2016 1:35 pm
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इरोम शर्मिला ने अगस्त में अफ्स्पा के खिलाफ 16 साल से चल रहा अपना अनशन खत्म करने के मौके पर कहा था कि वे चुनावी राजनीति में शामिल होकर इस संघर्ष को आगे बढ़ाएंगी
मणिपुर में सुरक्षा बल विशेषाधिकार कानून (अफ्स्पा) के विरोध की मिसाल बन चुकीं सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने नई पार्टी बना ली है. उन्होंने अपनी पार्टी का नाम ‘पीपल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस अलायंस’ (प्रजा) रखा है. यह पार्टी अगले साल विधानसभा चुनाव में शामिल होगी. इरोम ने कहा है कि उनकी पार्टी न्याय, आपसी समझ, प्रेम और शांति के सिद्धांतों पर आगे बढ़ेगी.
साठ में से 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार सकती है. अगले साल चुनाव में इरोम शर्मिला थौंबल और खुरई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी. थौंबल सीट अभी कांग्रेस के ओकराम इबोबी सिंह के पास है, जो 2002 के बाद से मणिपुर के मुख्यमंत्री हैं.
इरोम शर्मिला ने अगस्त में अफ्स्पा के खिलाफ अपना 16 साल पुराना अनशन तोड़ दिया था. इस मौके पर उन्होंने कहा था कि वे चुनावी राजनीति में शामिल होकर अपने संघर्ष को आगे बढ़ाएंगी. साल 2000 में सुरक्षा बलों के हाथों 10 लोगों के मारे जाने के बाद इरोम शर्मिला ने अफ्स्पा हटाने की मांग के साथ अनशन शुरू कर दिया था. अफ्स्पा के तहत सुरक्षा बलों को बिना किसी विशेष प्रशासनिक अनुमति के तलाशी लेने, घरों में प्रवेश करने और देखते ही गोली मारने जैसे अधिकार मिल जाते हैं. इरोम की पार्टी ने घोषणा की है कि वह अफ्स्पा हटाने के लिए काम करेगी साथ ही सभी तरह की हिंसा और सैन्यीकरण का विरोध करेगी.
अनशन तोड़ने के बाद इरोम शर्मिला ने दिल्ली आकर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी. खबरों के मुताबिक उन्होंने बड़े राजनीतिक दलों को चुनाव में शिकस्त देने के बारे में उनसे सलाह ली थी. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करने और अच्छी राजनीति के बारे में सलाह लेने की इच्छा जताई थी.