Thursday, 27 October 2016 8:15 pm
Nawaz Shearwani
गोरखपुर : एक तरफ इस दीपावली में चीन निर्मित सामान का बहिष्कार के संकल्प लिए जा रहे हैं।
चीनी सामान को जलाकर देशप्रेम की अलख जगाई जा रही है। वहीं सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि बाजार न केवल चीन के सामान से भरा पड़ा है बल्कि उनकी जमकर बिक्री भी हो रही है। यहां तक आर्टिफिशियल (कृत्रिम) फूलों के बाजार पर भी चीन का कब्जा है। यह कब्जा यूं ही नहीं है। दुकानदारों की माने तो इनकी खासी डिमांड है।
दीपावली में घर को साफ करके सजाने की परंपरा है। सजावट की इस प्रक्रिया में फूलों की अहम भूमिका होती है। चूंकि वास्तविक फूल जल्द मुरझा जाते हैं और महंगे भी हैं, ऐसे में लोग आर्टिफिशियल फूलों पर ही भरोसा करते हैं। वास्तविक फूलों की भूमिका औपचारिकता तक ही सीमित रहती है। दीपावली के मद्देनजर बाजार में आर्टिफिशियल फूलों से बाजार पटा है। देशी आर्टिफिशियल फूल भी महंगे हैं, ऐसे में चीनी फूलों को दुकान में रखने में न तो दुकानदारों को दिक्कत है और न ही खरीदने में ग्राहकों को। गोलघर में मौजूद ऐसी ही दुकान के दुकानदार मसूद हस्मत बताते हैं कि चाइनीज सामान सस्ते होने के साथ आकर्षक भी हैं, इसलिए हर कोई इस ओर आकर्षित हो रहा है। गेंदे के आर्टिफिशियल फूल की लड़ियों और स्वागत के वंदन वार की काफी डिमांड है। नखास चौक के दुकानदार पप्पू सैनी का कहना है कि लक्ष्मी-गणेश की माला की खूब बिक्री हो रही है। खास बात यह है कि यह भी चाइनीज ही है। चाइनीज रोलेक्स और नकली मोतियों की लड़ी भी ग्राहकों को खूब भा रही है।
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ग्राहकों ने कहा बाद में जाना कि चाइनीज है
सजावट का सामान खरीदने नखास चौक पहुंचा तो वहां सजी खूबसूरत आर्टिफिशियल फूलों की लड़ी की ओर खुद को बढ़ने से नहीं रोक सका। सस्ते भी थे, इसलिए खरीद लिया। बाद में पता चला कि चाइनीज है। वरना शायद न खरीदता।
नवीन कुमार श्रीवास्तव, शेषपुर टिकाऊ होने का लालच आर्टिफिशियल फूल से घर को सजाने का लालच यह होता है कि वह सजावट टिकाऊ होती है। हमें तो इन फूलों की चमक दिख रही है। यह नहीं पता कि ये आए कहां से हैं। बस ये पता है कि इनसे दीपावली के दिन घर की चमक बढ़ जाएगी।