Monday, 30 July 2018 12:05 PM
Chaudhary Salman Nadwi
क़ुरआन मजीद अल्लाह की किताब है अल्लाह ने क़ुरआन सभी दुनिया मे बसने वालों के लिए उतारा, क़ुरआन को किसी एक धर्म के लिए महदूद नही समझना चाहिए, क़ुरआन पूरी दुनिया में अम्न ओ सलामती के लिए उतरा इन ख़यालात का इज़हार मदरसा मिस्बाहुल उलूम के नाज़िर ए आम मौलाना सिद्दीक़ साहब नदवी ने किया, ज्ञात हो कि 29 जुलाई दिन इतवार को मदरसा मिस्बाहुल उलूम में पाँच बच्चों मो. साकिब पुत्र मो. कामिल(12), मो. आज़म पुत्र मो. ज़ुबैर(11), मो. सुफियान(13), मो. जुहैब पुत्र ज़ियाउन्नबी(11), फ़ातिमा बानो पुत्री मो. ज़ुबैर(10) ने क़ुरआन पूरी की इसी का प्रोग्राम दुआए ख़तमुल क़ुरआन व तालीमी बेदारी मुहिम हुआ, मौलाना सादिक़ क़ासमी ने कहा क़ुरआन में भूखे को खाना खिलाने, ग़रीब, मिस्कीन, बेवाओं की मदद करने की तालीम दी गयी, मौलाना नसीम ने कहा क़ुरआन वो किताब है जो आजतक अपनी असल शक्ल में मौजूद है, साथ ही हाफ़िज़ शकील ने बताया कि हमारा मिशन देश के 100% युवाओं तक तालीम को पहुंचाना है कामयाब समाज के लिए ये ज़रूरी है कि तालीम को बढ़ावा दिया जाए, और साथ ही आतंकवाद के ख़िलाफ़ बोलते हुए कहा कि क़ुरआन में मौजूद जिहाद का मतलब मासूमों की जान लेना नही है बल्कि गरीबों, मज़लूमों, पिछड़ों, बेवाओं की मदद करना है, हमारी सोसाइटी गरीब बच्चियों की शादी में इमदाद का काम करती है चाहे वो जिस धर्म की हो, हमारी सोसाइटी के अंतर्गत पढ़ने वाले बच्चों का हम फ्री इलाज भी कराते हैं, और इसी तरह समाज का साथ मिलता रहा तो हम बड़े स्तर पर ऐसे समाजी कार्यो को अंजाम देते रहने का वचन दिया, प्रोग्राम में अध्यक्ष निज़ामुद्दीन मंसूरी, मो. वासे, हाफ़िज़ आदिल मंसूरी, मो. अनस, शानू नेता, मो. अय्यूब, नफीस राईनी, मो. आमिर, रिज़वान राईनी, इमरान राईनी सहित सैंकड़ों लोग मौजूद थे।