Friday, 21 September 2018 7:30
G.A Siddiqui
15 दिन में मदरसा शिक्षकों के मानदेय का बकाया केंद्रांश दिलाएंगे: सरदार मंजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। राष्ट्रीय अल्संख्यक आयोग के सदस्य सरदार मंजीत सिंह राय ने आश्वस्त किया कि प्रदेश के मदरसा शिक्षकों को मिलने वाले मानदेय में केंद्र का बकाया अंश न मिलने की समस्या का समधान 15 दिन में कराएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा केंद्र से मिले धन का उपयोगिता प्रमाण पत्र न दिए जाने के अभाव में केंद्रांश नहीं मिल रहा है। इस बाबत राज्य सरकार से भी बात की जाएगी।
31 महीनों से आधुनिकीकरण के मदरसा शिक्षकों को नहीं मिला केंद्रांश।
दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आए सरदार मंजीत सिंह राय बुधवार को सर्किट हाऊस में पत्रकारों से मुखातिब थे। सनद रहे कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय मदरसा आधुनिकीकरण के अंतर्गत स्नातक शिक्षक को 6 हज़ार रुपये और स्नातकोत्तर शिक्षक को 12 हज़ार रुपये देती है।
राज्य सरकार स्नातक शिक्षक को 2 हज़ार रुपये और स्नातकोत्तर शिक्षक को 3 हज़ार रुपये अलग से देती है। राज्य सरकार ने अपना अंश दे रही है लेकिन केंद्र ने पिछले 31 महीने से अपना अनुदान नहीं दिया है। इस कारण मदरसा शिक्षकों में भुखमरी की स्थिति आ गई है।
कामिल और फाजिल की डिग्री को केंद्र एवं राज्य दिलाएंगे मान्यता
एक सवाल के जवाब में सरदार मंजीत सिंह राय ने कहा कि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड से कामिल और फाजिल की डिग्री को क्रमश: स्नातक और परास्नातक की मान्यता दिलाने का प्रयास किया जाएगा। यदि कही कोई बाधा है, या फिर पाठ्यक्रम में कोई बदलाव करना है, उसके लिए पहल की जाएगी। ताकि मदरसों से इन डिग्रियों को हासिल करने वाले छात्र केंद्र एवं प्रदेश सरकार की नौकरियों के लिए अर्हता हासिल कर सकें। सनद रहे कि प्रदेश में 75 हजार छात्रों को मदरसा बोर्ड कामिल और फाजिल की डिग्री प्रदान करता है लेकिन उनकी डिग्री को सरकारी सेवाओं में मान्यता नहीं है।
मदरसों में संचालित आईटीआई को भी दिलाएंगे मान्यता
मरदसों में संचालित मिनी आईटीआई को नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग नई दिल्ली से मान्यता न मिलने का मसला भी उठा। इन आईटीआई में अध्ययन करने वाले अल्पसंख्यक छात्रों को केंद्र एवं राज्य सरकार की नौकरियों में पढ़ाई का कोई फायदा नहीं मिल पाता। हालांकि इनसे पढ़ कर निकलने वाले छात्र विदेशों में नौकरियां पा जाते हैं। सरदार मंजीत सिंह राय ने इस पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि यह अल्पसंख्यक छात्रों का वक्त खराब करने जैसा है। मिनी आईटीआई को मान्यता दिलाने के लिए शासन स्तर पर वार्ता की जाएगी।