Friday, 23 November 2018 03:40 pm
चौधरी अदनान
जगदीशपुर,अमेठी अंजुमन गुंचये इस्लाम कमेटी की क़यादत में पिछले सालों की तरह इस साल भी पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद साहब (स.अ. व.) के वेलादत के मौके पर मनाया जाने वाला तीन रोज़ा ऐतिहासिक जलसा व जुलूस संपन्न हुआ। जलसे में कर्नाटक के हुबली से आए मौलाना मोहम्मद अली क़ाज़ी ने अपने ख़िताब में पैग़म्बर साहब की सीरत पर प्रकाश डाला। इस मौके पर कलकत्ता से आए शाहबाज़ रज़ा नूरी ने सरकारे दो आलम की शान में नाते पाक पढ़ कर खेराजे अकीदत पेश किया। अंजुमन गुंचये इस्लाम कमेटी के चेयरमैन मोहम्मद रफीक़ वारसी, उर्फ अल्लू मियां ने मुल्क के मौजूदा हालात के मद्देनज़र हिन्दू-मुस्लिम एकता को वक़्त की ज़रूरत बताया। जलसे में आए हुए उलेमा, शायर और मेहमानों का इस्तक़बाल करते हुए अल्लू मियां ने कहा की हिन्दू-मुस्लिम एकता ही इस देश को टूटने से बचाएगी। उन्होंने कहा आज भी देश का बहुसंख्यक हिन्दू सेक्युलर है। इसके साथ ही जलसे में बरेली से आए हुए मौलाना तबरेज़ आलम, कलकत्ता से आए हुए मौलाना कफील खान, दारुल उलूम गौसिया के प्रिंसिपल मौलाना नूरुल हसन साहब नूरी, कन्नौज से आए शायर शाने आलम मिस्बाही, क़ारी मोहम्मद आसिफ, डॉक्टर हिमायत जायसी ने अपने खूबसूरत अंदाज़ में नाते पाक पेश किया। जलसे की निज़ामत को क़ारी फुरकान वारसी ने अंजाम दिया।
साथ ही उन्होंने इस तीन दिवसीय जलसे व जुलूस में सहयोग के लिए पुलिस प्रशासन को धन्यवाद दिया। इस जलसे को कामयाब बनाने में मौलाना मोहम्मद आलम, मौलाना अबूबकर नईमी, हाफ़िज़ शफ़क़त, गौस मोहम्मद, मौलाना इकरामुद्दीन, मोहम्मद इस्माइल, मेहताब अत्तारी, हाजी मोहम्मद वासिफ, हाजी आफाक हैदर, मोहम्मद इलियास खान, शमसू प्रधान, मेराज प्रधान, बिहारीलाल गुप्ता, सुरेश यज्ञसेनी, सोहनलाल यादव, शोएब आलम, सोनू फल वाले इत्यादि का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा।
(अनवारुल हक़ अल्लन/ उसमान खान)