Friday, 11 January 2019 7.02pm
Nawaz Shearwani
गोरखपुर- राज्यपाल राम नाईक मानते हैं कि गोरखपुर की प्रगति से ही उत्तर प्रदेश के विकास का पथ प्रशस्त होगा और यूपी के विकास से ही देश की प्रगति होगी। संस्कृति एक जीवंत परंपरा है, जिसके प्रचार-प्रसार और विकास की जरूरत है, महोत्सव इसका बेहतर जरिया हैं।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में 'गोरखपुर महोत्सव' का उद्घाटन करने के साथ ही राज्यपाल ने सभी को कुंभ में प्रयागराज आने का न्योता भी दिया। कुंभ की विशेषता गिनाते हुए उन्होंने कहा कि इसका आयोजन तो हजारों साल से हो रहा है, लेकिन अब तक वह इलाहाबाद में होता था। आपके मुख्यमंत्री की अगुवाई में ऐसा पहली बार है जब कुंभ प्रयागराज में लगेगा।
पूरी दुनिया से लोग जब यहां आ रहे हैं और यूनेस्को तक मान चुका है कि कुंभ कमाल का आयोजन है तो ऐसे में आप सभी को इस आयोजन का हिस्सा जरूर बनना चाहिए। मैं बतौर राज्यपाल और कुंभ आयोजन समिति के अध्यक्ष की तरफ से आप सभी को कुंभ में आने का निमंत्रण देता हूं।
उन्होंने कहा कि इस कुंभ में आने वालों को पहली बार बड़े चित्र पर मां सरस्वती के भी दर्शन होंगे। योगी ने उस वट वृक्ष के भी दर्शन की व्यवस्था कर दी है, जिसे मुगल और अंग्रेजों के जमाने से बंद करके रखा गया था।
उत्सव-महोत्सव का अंतर समझाते हुए राज्यपाल ने कहा कि उत्सव अगर आनंद देता है तो महोत्सव में परमानंद की अनुभूति होती है। जीवन की सभी 64 कलाओं का दर्शन यहां मिलेगा। राज्यपाल ने श्लोक के जरिए विद्वान की पहचान कराते हुए पंडाल में मौजूद सभी लोगों को विद्वता का प्रमाणपत्र भी दिया।
एक दिन बाद स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उन्हें याद करते हुए राज्यपाल ने धर्म परिषद में दिए स्वामी विवेकानंद के भाषण और वसुधैव कुटुंबकम की भावना से सभी को परिचित कराया। इसके पहले कुलपति प्रो. वीके सिंह ने कुलाधिपति का स्वागत किया तो मंडलायुक्त अमित गुप्ता ने गोरखपुर महोत्सव के आयोजन की रूपरेखा रखी। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने आयोजन को सफल बनाने की अपील की। बच्चों ने वंदे मातरम समेत कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर सभी मंत्रमुग्ध कर दिया।