Wednesday, 20 November 2019 9.40pn
Nawaz Shearwani
शेख अब्दुल हक, राबिया बसरी व टीपू सुल्तान की याद में बच्चों ने लगाया पौधा
सैय्यद फरहान अहमद/एम.एन.शेरवानी
गोरखपुर। हजरत शेख अब्दुल हक मोहद्दिस देहलवी अलैहिर्रहमां व हजरत राबिया बसरी अलैहिर्रहमां के उर्स-ए-पाक और हजरत टीपू सुल्तान शहीद अलैहिर्रहमां के जन्मदिवस पर तंजीम कारवाने अहले सुन्नत की ओर से बुधवार को मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में बच्चों ने पौधे लगाए। कुल शरीफ की रस्म अदा की गई और इसाले सवाब किया गया।
तंजीम के सदर मुफ्ती मो. अजहर शम्सी ने कहा कि हजरत शेख अब्दुल हक मोहद्दिस देहलवी की शख्सियत बहुत बुलंद है। आपने पूरी जिंदगी दीन-ए-इस्लाम की खिदमत की। पैगंबर-ए-आज़म हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की हदीस व सुन्नत को आम किया। हिंदुस्तान के अंदर इल्म-ए-हदीस आप ही लेकर आए। शरीयत, तरीकत, मारफत व हकीकत के सच्चे रहनुमा के तौर पर आपका नाम सबसे ऊपर है। आपने मक्का शरीफ व मदीना शरीफ में काफी वक्त गुजारा और इल्म हासिल किया। आपका मजार-ए-पाक मेहरौली नई दिल्ली में हर खासोआम की जियारत का केंद्र बना हुआ है। जहां से बराबर रुहानी फैज मिलता रहता है। आपने दिल्ली में बड़ा मदरसा व अज़ीम लाइब्रेरी कायम की। आप रोजाना 18 घंटे अध्ययन में गुजारते थे। सौ के करीब किताबें लिखीं। आपकी खिदमात रहती दुनिया तक याद की जाती रहेगी। हजरत राबिया बसरी अल्लाह की वली थीं। पूरी जिंदगी अल्लाह की इबादत में गुजारी।
हाफिज मो. अमान ने बच्चों के बीच हजरत टीपू सुल्तान की जिंदगी पर मुख्तसर रोशनी डालते हुए कहा कि हजरत टीपू सुल्तान शहीद अलैहिर्रहमां मैसूर के सबसे महान शासक थे। हजरत टीपू सुल्तान का जन्म कर्नाटक के देवनाहल्ली में हुआ था। उनका पूरा नाम सुल्तान फतेह अली खान शाहाब था। टीपू को मैसूर के शेर के रूप में जाना जाता है। योग्य शासक के अलावा टीपू एक विद्वान, कुशल योग्य सेनापति, बहुभाषी, और कवि भी थे। दुनिया में मिसाइल का पहला प्रयोग हजरत टीपू सुल्तान ने किया। वतन के लिए अंग्रेजो से लड़ाई लड़ी। टीपू सुल्तान को इंसाफ पसंद सुल्तान व देशभक्त के रुप में हमेशा याद किया जायेगा।
अंत में सलातो-सलाम पेश कर अमन चैन व खुशहाली की दुआ मांगी गई। इस मौके पर हाफिज मो. अब्दुल कलाम , निजामुद्दीन, मो. असलम खान, मो. सैफ, फरदीन खान, महफूज आलम, मो. साहिल, अरीशा, तस्मिया फातमा, खुशीनूर, नेहा, फलक, अय़ा, ज़ेबा, मो. फैजान, मो. रेहान, मो. आदिल सहित मकतब के तमाम बच्चे मौजूद रहे।