Saturday, 02 May 2020 11:25
G.A Siddiqui
शैलेंद्र पंडित
बांसी (सिद्धार्थनगर )।माचं से ही स्कूल,कोचिंग,से महरूम पढने वाले बच्चे घरों मे कैद हो गये 3मई के इंतजार के बाद लाकडाऊन की अवधि बढने से उदास हो गये ,पर हिम्मत नहीं हारे बैट,बाल उठा लिया और मैदान मे कूद पडें । बांसी डाक घर के पीछे खाली खेत को खेल मैदान बना लिया मोहल्ले के बडों से लेकर छोटे बच्चे रोज 12बजे दिन से खेल शुरू कर देते है।
इस खेल से हो रहे शोरशराबा और गेंद घरों में जाने,बैठे लोगों की पीठ सर में लग जाने से कई बार बच्चों को मना किया गया पर बच्चे चिढाने का काम भी कर रहे है।
खेल और इतनी भीड़ से समाजिक दूरी का पालन बच्चे कहा कर सकते हैं अभिभावक भी इसमे कम गुनाहगार नही है कई बार शोरशराबा और गेंद घरों में जाने की शिकायत करने पर वह कहते है आखिर बच्चे कहाँ जायें। सच भी है जब बड़े लोग ऊब जा रहे हैं तो यह बच्चे हैं।