Monday, 10 April 2017 05:00 PM
admin
सिद्धार्थनगर. नई सरकार ने गांव में विकास कार्यों को रफ्तार देने की कवायद शुरू कर दी है। गांवों में बने ग्राम सचिवालयों के दिन बहुरने वाले हैं। जहां पर ग्राम सचिवालय भवन का निर्माण नहीं कराया गया है, वहां पर नए सिरे से तीन ग्राम पंचायतों पर एक ग्राम सचिवालय का निर्माण कराया जाएगा। जिससे कि वहां पर गांव वालों को सभी सुविधाओं का लाभ आसानी से मिले सके।
अगर ऐसा हुए तो गांव के लोगों को किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए ब्लॉक मुख्यालय अथवा तहसीलों को नहीं भटकना पडे़गा। इसके लिए ग्राम सचिवालयों को जिन्दा करने की कवायद शुरू कर दी गई है। सरकार ने अपने लोक संकल्प पत्र के आधार पर कार्य करते हुए गांवों में विकास की रफ्तार को लेकर तैयारी तेज कर दी है।
इसके लिए गांवों में तीन ग्राम पंचायतों को मिलाकर एक ग्राम सचिवालय का निर्माण कराया जाएगा। जहां पर गांव वालों को सभी प्रकार की सुविधाए आसानी से मिल सकेगी। इसके लिए सरकार ने सभी ग्राम पंचायतों में पूर्व में बने ग्राम सचिवालय भवनों की स्थिति के साथ ही जहां पर ग्राम सचिवालय नहीं बने हैं। वहां पर नए ग्राम सचिवालय बनाने सम्बंधी प्रस्ताव भी मांगा है। जिससे कि सचिवालय भवनों को बनाने का काम जल्द ही शुरू कराया जा सके। पंचायती राज विभाग के निदेशक अनिल कुमार दोमलते ने चन्द्रशेखर आजाद के नाम पर ग्राम सचिवालयों के निर्माण सम्बंधी पत्र भेजकर पूरा ब्यौरा मांगा है। गांवों में योजनाओं के क्रियान्वन व मानीटरिंग के लिए ये ग्राम सचिवालय महती भूमिका अदा करेंगे। इसके लिए सरकार की ओर से कवायद शुरू हो गई है। सचिवालय में ही ग्राम पंचायतों की बैठक होगी और उनके विकास का खाका तैयार होगा।
निदेशक ने पंचायती राज विभाग से मांगा यह ब्यौरा
जिले के जिला पंचायत राज अधिकारियों को ग्राम सचिवालयों के सम्बंध में जो जानकारी देनी है उसमें कई ऐसी भी जानकारिया जिससे स्पष्ट होता है कि सरकार गांव के विकास व वहां पर योजनाओं के शत प्रतिशत क्रियान्वन को लेकर काफी गम्भीर है।
जिला पंचायत राज अधिकारियों से ग्राम पंचायत की जनसंख्या, पंचायत भवन है या नहीं, राजस्व गांव का नाम जहां पर पंचायत भवन स्थित है, ग्राम प्रधान का नाम मोबाइल नम्बर व नाम, ग्राम पंचायत सचिव का नाम व मोबाइल नम्बर, पंचायत भवन में कमरों की स्थिति व भवन की स्थिति, पंचायत भवन में बिजली कनेक्शन है अथवा नहीं, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, -ब्लक का नाम, महिला पुरूष व दिव्यांगों के लिए शौचालय की व्यवस्था, पंचायत भवन में सम्पर्क मार्ग की स्थिति, फर्नीचर आदि की व्यवस्था, पंचायत भवन तक इंटरनेट की सुविधा नहीं होने अथवा सुविध हो सकती है या नहीं, ग्राम निधि का खाता संख्या आदि कई विषयों पर जानकारी मांगी गई। जिसे जिला पंचायत राज अधिकारियों द्वारा एक सप्ताह में भेजना है।