Saturday, 30 March 2019 6:08
Abdullah Siddiqui
अब्दुल्लाह सिद्दीकी-सिद्धार्थनगर। बचपन से ही हम सब अपने अपने घरोंए स्कूलों आदि में यह सुनते आए हैं कि भारत एक लोकतान्त्रिक देश है। ‘‘या फिर यह कि’’ भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतन्त्र है। क्या हमने कभी यह जानने या समझने की कोशिश की है कि लोकतन्त्र का क्या अर्थ है? किसी लोकतान्त्रिक देश के नागरिकों को क्या अधिकार मिलते हैं? या फिर यह कि किसी लोकतन्त्र में उसके नागरिकों की देश के प्रति क्या ज़िम्मेदारियाँ, कर्तव्य हैं? सरल शब्दों में लोकतन्त्र का अर्थ है. एक ऐसी व्यवस्था जिसमें किसी भी देश की सरकार का निर्णायन जनता द्वारा किया जाता है। कोई भी देश सरकार की नीतियों से ही चलता है। समाज के किसी भी क्षेत्र में देश की क्या स्तिथि होगी यह पूरी तरह से सरकार की विभिन्न नीतियों पर ही निर्भर करता है। देश में बेरोज़गारीए किसानों के ऋणए शिक्षाए स्वास्थ्य आदि समस्याओं का निवारण भी इस बात पर निर्भर करता है की उस देश सरकार किन प्रकार की नीतियाँ बनाता है। वर्तमान समय में हमारे देश में जो समस्याएं विकराल रूप लेती जा रही हैं उनमे आतंकवाद, बेरोज़गारी, साफ पेयजल, शिक्षा, किसानों की समस्याएं आदि मुख्य हैं। इन्ही सम्स्याओं के समाधान के लिए हम सरकार चुनते हैं और जैसा की आप सब इस बात से अवगत हैं कि किसी लोकतन्त्र में सरकार जनता द्वारा ही चुनी जाती है जो उस देश के विकास व उसके समस्याओं से मुक्ति के लिए नीतियों का निर्धारण करती है जिसको उस देश की जनता ने अपना बहुमूल्य मत,ध्वोट देकर चुना है। इस प्रकार से देखा जाए तो किसी भी देश की नीतियों का निर्धारण अप्रत्यक्ष रूप से उस देश की जनता ही करती है क्योंकि संसद के वो सदस्य जो नीतियाँ बनाते हैं उनको जनता ने ही चुन कर वहां भेजा है। किसी लोकतान्त्रिक देश को किस दिशा में ले जाना है इसका फैसला उस देश की जनता के हाथों में ही होता है ष्वोट के रूप में। इसलिए हमें अधिक से अधिक संख्या में जाकर वोट देना चाहिए। किसी भी देश में जैसे लोग होते हैं उनको वैसी ही सरकार मिलती है। वोट देते समय हमें स्वयं को व औरों को भी अपने अपने क्षेत्र के सांसद प्रत्याशियों के बारे में शिक्षित करना चाहिए जिससे कि सही सदस्य का चुनाव हो सके और वो सदन में हमारी समस्याओं को मज़बूती से रख सकें व सफल नीति निर्धारण में सरकार की सहायता कर सकें। देश की राजनीति में कैसे लोगों को भेजना है यह उस देश की जनता ही तय करती है। हमारा कर्तव्य सिर्फ वोट देने तक ही सीमित नहीं है बल्कि वोट देने के पश्चात हमको समय समय पर अपने चुने हुए प्रत्याशी से इस बात का ब्यौरा भी मांगना चाहिए की अमूक समय में आपने अपने क्षेत्र के लिए क्या क्या किया व आगे क्या करने वाले हैं।