Saturday, 30 May 2020 4:58
G.A Siddiqui
शैलेन्द्र पंडित
बांसी। लोकतंत्र का अविभाज्य अंग कहा जाने वाला पत्रकारिता आज विभिन्न समस्याओं एवं चुनौतियों के दौर से गुजर रहा है जहां एक ओर संचार के अत्याधुनिक साधनों के कारण यह कार्य रूचिपूर्ण हुआ है वहीं कलम के सच्चे सिपाहियों (पत्रकारों) पर प्रतिस्पर्धा के कारण मानसिक दबाव भी काफी बढ़ गया है , समाज में एक सच्चे अभिभावक की भूमिका निभाने वाले पत्रकारों के समक्ष तमाम चुनौतियां एक विकराल समस्या बन कर उभर रही हैं फिर भी इस सेवा,कार्य व व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों के हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी वे इस कार्य में बड़े ही तन्मयता के साथ जुड़े हुए हैं सीमित संसाधन,सीमित पारिश्रमिक एवं अति सीमित सुविधाएं जहां इनके धैर्य और हिम्मत का परीक्षा ले रही हैं वहीं पत्रकारों पर हो रहे हमले मुकदमें व हत्याएं निश्चित रूप से इस कार्य में जुड़ने व जुड़े रहने के लिए एक चिंतनीय विषय साबित हो रहे है इसी क्रम में वरिष्ठ रविन्द्र श्रीवास्तव का कहना है कि आधुनिक सभ्यता का एक प्रमुख व्यवसाय है पत्रकारिता जिसमें समाचारों का एकत्रीकरण,लेखन कार्य, प्रेषण कार्य,संपादन कार्य तथा सम्यक प्रस्तुतीकरण शामिल है आज के दौर में पत्रकारिता के भी अनेक माध्यम हो गए हैं अखबार, पत्रिकाएं,रेडियो,दूरदर्शन,वेब पत्रकारिता ,मोबाइल पत्रकारिता, सोशल मीडिया आदि परंतु पत्रकारों के समक्ष तमाम समस्याएं अभी भी जस की तस बनी हुई है पत्रकार सुभाष पाण्डेय का कहना है कि सामाजिक सरोकारों तथा सार्वजनिक हित से जुड़कर ही पत्रकारिता सार्थक बनती है जिसे "पत्रकार समाज" बखूबी निभाते हैं परंतु सरकार द्वारा अपेक्षित सहयोग व सुविधाएं ना मिलने के कारण हमारा समाज आज भी दुखी है। पत्रकार राजेन्द्र दूबे का कहना है कि कम से कम पारिश्रमिक में अधिक से अधिक काम करने वाला एवं जान जोखिम में डालने वाला अगर कोई समाज है तो वो है हमारा "पत्रकार समाज" आज भी हम जहां थे वहीं के वहीं रह गए इस पर सरकार को एक रणनीति बनाने की आवश्यकता है। पत्रकार मो०इरफान बाकर का कहना है कि संचार क्षेत्र में आज व्यापक बदलाव होने के कारण पत्रकारिता आज काफी सशक्त,स्वतंत्र और प्रभावकारी हुआ है परंतु कम पारिश्रमिक ,सीमित साधन- सुविधाओं के कारण पत्रकार समाज को विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है पत्रकार रितेश बाजपेई का मानना है कि पत्रकारों पर होने वाले हमलों ,मुकदमोों ,हत्याओं के बावजूद भी हमारा समाज अडिग रहा है, हम समाज के दर्पण हैं और समाज में हो रहे अच्छे-बुरे कार्यों की प्रशंसा व उलाहना अवश्य प्रेषित करते रहेंगे इसके लिए चाहे जो भी कीमत हमें उठानी पड़े ।पत्रकार शैलेंद्र पंडित ने कहा अब पत्रकारिता मिशन की पत्रकारिता ना होकर व्यवसायीकरण में तब्दील हो गई है इसकी वजह से कलम में धार नहीं रह गई है फिर भी हम सभी को अपनी कलम को तलवार की धार की तरह आज बनाने की आवश्यकता है आज पत्रकारिता दिवस पर हमें शपथ लेना है कि किसी भी कीमत पर देश समाज के हित संवर्धन के लिए मिशन की पत्रकारिता करना है। क्षेत्र के सम्मानित पत्रकार देवेन्द्र धर द्विवेदी,अंकित श्रीवास्तव ,विनय दुबे ,,शैलेंद्र पांडे, अजीत मौर्य,राम नरेश, बसंत शर्मा,जयगोविंद साहू ,श्री राम सोनी,अभय त्रिपाठी,कृपाशंकर भट्ट ,सत्येंद्र उपाध्याय,सुरेंद्र मिश्रा,दुर्गेश मूर्तिकार ,राम आशीष दुबे , मुकेश,सुनील,रामनरेश आदि ने पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य पर क्षेत्र के सम्मानित जनता को अधिकारियों व जनप्रतिनिधियोों को बधाई दिया है तथा वर्तमान सरकार से पत्रकार समाज के समक्ष व्याप्त विभिन्न समस्याओं के निराकरण किए जाने का मांग किया है ।