Thursday, 04 June 2020 6:24
G.A Siddiqui
आनलाइन शिक्षा समय की आवश्यकता है न कि पूर्ण विकल्प: प्रोफेसर डा. फोबेनथुंग
शैलेन्द्र पंडित
बांसी/खेसरहा। राजकीय महाविद्यालय, पचमोहनी द्वारा ई-लर्निंग के विस्तार व सम्भावनाओं पर अन्तर्राष्ट्रीय ऑनलाइन अकादमिक वेबिनार का आयोजन किया गया। प्राचार्य डा. महेन्द्र प्रकाश ने सभी वक्ताओं का ऑनलाइन स्वागत किया। फुदान विश्वविद्यालय, चीन के विजिटिंग प्रोफेसर तथा एन आई आई सी ई, काठमांडो (नेपाल) के निदेशक डा. प्रमोद जायसवाल और फजल अली राजकीय महाविद्यालय, नगालैण्ड के प्रोफेसर डा. फोबेनथुंग ने प्रमुख वक्ता के रूप में कहा कि आनलाइन शिक्षा समय की आवश्यकता है न कि पूर्ण विकल्प। भारत जैसे देश में ई-लर्निंग की सम्भावनायें विकसित देशों की तुलना में अधिक हैं लेकिन संसाधन सीमित है जिसका उच्चीकरण होना चाहिए। उच्च शिक्षा में शोध को बढ़ावा देने के लिए ई-लर्निंग वर्तमान की जरूरत है। वैश्विक स्तर पर चल रहे बदलाओं का ई-लर्निंग के क्षेत्र में भी समायोजन होना चाहिए साथ में परम्परागत शैक्षिक प्रणाली को पूरी तरह से उपेक्षित नहीं किया जा सकता। इस कार्यक्रम में पूरे देश से राजकीय महाविद्यालय, अनुदानित महाविद्यालय एवं स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के शिक्षक और शोध छात्रों ने प्रतिनिधित्व किया। केतुल कुमार, डा. शैलेश, यामिनी पाण्डेय, डा. सूबेदार यादव, एकता सिंह, डा. अनिल सिंह और प्रोफेसर वीरेन्द्र चावरे ने अपने विचार इस वेबिनार में रखे। निदेशक, उच्च शिक्षा, उत्तर प्रदेश डा. वन्दना शर्मा कार्यक्रम की मुख्य संरक्षक रहीं। रमाबाई राजकीय महाविद्यालय, अम्बेडकर नगर की प्राचार्या प्रो। शेफाली सिंह ने दिशा निर्देश दिए व डा. राजेश कुमार, डा. चन्द्रभान ने वेबिनार के तथ्यों का विश्लेषण किया। अधिकतर छात्र यूट्यूब लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से कार्यक्रम के सीधे प्रसारण को देखने के लिए जुड़े रहे।