Monday, 08 July 2019 06:38 PM
Chaudhary Salman Nadwi
क़ासिम के क़लम से:-
देश में लिंचिंग सिर्फ मुसलमानों के साथ ही नहीं हुई, बल्कि हिन्दू और सिख समुदाय के भी कई लोग इसका शिकार हुवे हैं,
सुनियोजित लिंचिंग करा कर लोगों को सोशल मीडिया द्वारा भड़काया जाता है ताकि देश के चारों धार्मिक स्तंभ हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाईयों के बीच नफ़रत की खाई को समंदर में परिवर्तित किया जाए,
आज मेरी आयु लगभग 35 वर्ष के आसपास है, मेरे बचपन से जवानी तक के सफर में दोस्तों के बीच कभी धार्मिक कटाक्ष नहीं हुवे, सदैव एक दूसरे के दुखदर्द में शामिल होना हर भारतीय एक गर्व का कार्य समझता था, परंतु पिछले एक दशक से उसी भाईचारे को कसाईचारा बनाने की भरपूर कोशिश ही नहीं कि गयी अपितु डर व भय के आतंक फैलाकर भाईचारे की हत्या की गई,
कभी मुस्लिम युवकों की लिंचिंग करके हिंदुओं के विरुद्ध भड़काया गया तो कहीं हिन्दू व सिख की लिंचिंग कराकर मुसलमानों के ख़िलाफ़ ज़हर भरा गया,
इतना ही नहीं नफ़रत भरने की हर वह कोशिश की गई जिससे हिंदुस्तान की मुहब्बत को नफ़रतों के दहकते हुवे शोलों में जलाकर ख़ाक कर दिया जाए,
चूंकि हमारे देश मे जनसंख्या का ब्लास्ट तेज़ी से होने के साथ बेरोज़गारी प्रकाशवर्ष की गति से बढ़ रही है,
अमीर लोग और अधिक अमीर होते जा रहे हैं तो ग़रीब अत्यंत ग़रीब होता जा रहा है यही कारण है कि कुछ अमीर लोग उन ग़रीब लोगों को रोज़गार के रूप में घिनौने अपराध कराकर भारत को नफ़रत के शोलों में धकेलने के मिशन पे हैं।
यदि यही सब चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब एक विनाशकारी गृहयुद्ध भारत जैसे महान देश को जलाकर सैंकड़ो वर्ष पीछे धकेल कर विदेशी शक्तियों का ग़ुलाम बना देगा,
अभी भी कुछ ज़्यादा बिगड़ा नहीं है, देश के प्रत्येक समुदाय के ज़िम्मेदार लोगों को चाहिए कि अपने अपने समुदाय के विनाशकारी विभूतियों पर लगाम कसे ना कि दूसरे समुदाय को उसका दोषी बताकर आग में घी डालने का काम करें।
भवदीय
क़ासिम चौधरी
जय हिंद
आओ मिलकर उत्तम भारत का निर्माण करें
(नोट- लेखक के निजी विचार हैं, लेखक क्रांतिकारी छात्र सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं)