Monday, 17 April 2017 03:40 pm
Chaudhary Salman Nadwi
जबसे केंद्र में भारतीय जनता पार्टी सत्तासीन हुई है,
जनता के बीच नित नए मुद्दे उछाले जा रहे हैं ताकि जनता मूल मुद्दों को भूल कर गढ़े हुए मुद्दों के पीछे भागती रहे,
नरेंद्र मोदी के प्रधानमन्त्री बनते ही एक बड़े वर्ग ने इस्लाम और मुसलमानों के विरोध को अपना ओढ़ना-बिछौना बना लिया।
इस काम में कोई भी वर्ग अछूता नहीं हैं चाहे संघी मानसिकता का कोई छुटभैया नेता हो या सभासद, विधायक, सांसद, मंत्री, गायक, अभिनेता, खिलाड़ी और लेखक।
अगर कोई भी प्रतिष्ठित व्यक्ति सरकार की आलोचना करता है या देश की स्थिति पर चर्चा करता है तो छुटभैयों से लेकर प्रतिष्ठित व्यक्तियों तक सभी उसके विरुद्ध खड़े हो जाते हैं।
कभी शाहरुख़ ख़ान को निशाना बनाया जाता है कभी आमिर ख़ान और एजाज़ ख़ान को।
ऐसा लगता है मानो अब देश में अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता नहीं रही,
संघ और भाजपा की मिली-जुली तानाशाही ने देश के लोकतन्त्र का चीरहरण कर लिया,
जनसरोकार के सवाल उठाने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तियों को जहाँ दिल खोल कर सोशल मीडिया पर भद्दी गालियां दी जाती हैं वहीं प्रोफ़ाइल पिक्चर और ग़लत कमेंट का दोषी ठहरा कर मुस्लिम युवकों को जेलों में ठूंसा जा रहा है।
संघी मानसिकता के नेताओं का काम ही आग उगलना है लेकिन फ़िल्म जगत के प्रतिष्ठित लोग जब आग उगलने लगें तो स्थिति चिंताजनक हो ही जाती है।
अनुपम खेर और अभिजीत भट्टाचार्य जैसे लोगों के बेतुके बोल के बाद अब सोनू निगम ने भी मुसलमानों और इस्लाम पर आपत्तिजनक बयान दिया,
अगर सोनू जी को 2 मिनट होने वाली अज़ान परेशानी है तो 24 घण्टे चलने वाले अखण्ड पाठ, सुबह घण्टों बजने वाले भजन-कीर्तन से भी परेशानी होनी चाहिए।
सोनू जी को ये नहीं भूलना चाहिए कि उनके प्रशंसकों में अज़ान वाले भी हैं और भजन वाले भी।
अगर उन्हें मुसलमानों से इतनी ही परेशानी है तो एक बार वो ये क्यों नहीं कहते कि कोई भी मुसलमान वो फ़िल्में और गाने न देखे जिसमें उनकी आवाज़ हो।
रही बात नींद ख़राब होने की तो सोनू जी शायद ये भूल रहे हैं कि जब वो स्टेज शो के नाम पर रात भर धमाचौकड़ी करते हैं तो कार्यक्रम स्थल से कई किलोमीटर दूर तक भी उसकी आवाज़ जाती है जिससे लोगों की नींद ख़राब होती है।
इसलिए अब सोनू निगम को स्टेज शो करना बन्द कर देना चाहिए।
(लेखक ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तिहादुल मुस्लिमीन (उ०प्र०) के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य हैं)