Tuesday, 26 December 2017 11:52
G.A Siddiquiकेन्द्र सरकार द्वारा मदरसा टीचरों के साथ सौतेले व्यवहार से मदरसा शिक्षक आहत हैं। केन्द्र सरकार मदरसा मॉडर्न टीचरों को दो साल से मानदेय नही दे रही है। सोलह राज्यों के 50 हजार टीचरों को केन्द्र सरकार वेतन देने में विफल साबित हो रही है, जिससे अधिकांश टीचर नौकरी छोड़ने को विवश हैं। उक्त आशय एम्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुस्लिम रजा खान ने कही। उन्होंने कहा कि 16 राज्यों में देश की सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य यूपी भी है जहाँ सूबे की योगी सरकार ने 298 मदरसा टीचरों की सैलरी रोकी गयी है। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि केन्द्र सरकार यूपी, मध्यप्रदेश समेत देश के सोलह राज्यों की मदरसा सैलरी को रोका गया है। उन्होंने कहा है कि मदरसा टीचरों को सैलरी न मिलने के कारण अखिल भारतीय मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ(ABMASS) नाराज है। ABMASS के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुस्लिम रजा खान का कहना है कि देश में आधे से ज्यादा मदरसे उत्तर प्रदेश में संचालित हैं,जिनमें 25 हजार शिक्षक कर्यरत हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से केन्द्र सरकार ने सैलरी नही दी है तो वही कुछ राज्यों में तीन सालों से सैलरी नही मिली। केन्द्र सरकार के इस रवैये से जहां मदरसा शिक्षक आहत हैं वही संघ ने भी केन्द्र सरकार के विरुद्ध लड़ाई का मन बना चुका है। एम्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुस्लिम रजा खान ने बताया कि बकाया सैलरी को लेकर 8 जनवरी को लखनऊ में प्रदर्शन का फ़ैसला किया गया है। बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने साल 2008-09 में मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए स्कीम फार प्रोवाइडिंग क्वालिटी एजुकेशन(SPQEM) की शुरुआत की थी,जिसके तहत केन्द्र सरकार को मदरसा टीचरों की सैलरी का ज्यादा हिस्सा मिलने वाला था। वर्ष 2008-09 में मानव संशाधन विकास मंत्रालय ने कहा था कि स्नातक टीचरों को 6000 रुपये प्रति माह, परास्नातक टीचरों को 12000 रुपये प्रति माह सैलरी दी जायेगी। जिसमें से सैलरी का क्रमशः 75 और 80 फीसदी हिस्सा केन्द्र सरकार देगी और बाकी का हिस्सा राज्य सरकारों को देना होगा। यूपी मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता का कहना है कि केन्द्र सरकार को वर्ष 2016-17 में 293.31करोड़ रुपये का फंड जारी करना था, लेकिन केन्द्र सरकार ने फंड ही जारी नही किया है। ऐसे में मदरसा शिक्षकों की सैलरी मिल पाना कैसे सम्भव है सहज अन्दाजा लगाया जा सकता है। सरकार के सौतेले व्यहवार से मदरसा शिक्षकों का भविष्य अधर में है जिसको एम्टा ने गम्भीरता से लिया है और सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन का निर्णय लिया है। श्री खान ने कहा है कि मदरसा शिक्षको के हक की लड़ाई लड़ने के लिये एम्टा संकल्पित है, और आगामी माह जनवरी की 8 तारीख को लखनऊ के लक्षमन मेला मैदान में विशाल धरना प्रदर्शन कर सरकार को घेरने का कार्य करेगा। श्री रजा खान ने सभी मदरसा मॉडर्न टीचरों से अपील करते हुए कहा है कि 8 जनवरी को चयनित स्थान पर समय से पहुंच कर केन्द्र सरकार को समस्या निस्तारण के लिये मजबूर करें।