Friday, 04 November 2016 2:23 pm
Nawaz Shearwani
मुस्लिम महिलाओं को हक दिलाने वालो इस यतीम बच्ची की शादी तो करवा दो
-दो दिन पहले पिता की मौत 16 को शादी नहीं है पैसा
गोरखपुर। मुस्लिम महिलाओं के हक हकूक के लिए केन्द्र सरकार ने तलाक का मुद्दा छेड़ा हुआ हैं। वहीं मुस्लिम समुदाय ने केन्द्र के विरोध में मोर्चा खोला हुआ हैं। लेकिन न तो केन्द्र सरकार और न ही मुस्लिम समाज यह समझने को तैयार है कि मुस्लिम महिलाओं की तलाक के सिवा और भी परेशानियां हैं। जिसमें गरीब बच्चियों की शादी एक अहम तरीन मसला हैं। गरीब बच्चियों की शादी इस दौर की बड़ी दुश्वारी बन चुकी हैं। लेकिन न तो सरकार और न ही समुदाय इस दुश्वारी को दूर करने की पहल कर रही हैं ऊपर से दहेज गरीब लड़की के मां बाप के लिए अजाब से कम नहीं हैं।
एक ऐसा ही मामला सामने आया जिससे सभी का दिल तो पसीजा लेकिन उम्मीद के मुताबिक मदद मयस्सर नहीं हो पा रही हैं। पूरा परिवार तिल-तिल कर जीने को मजबूर हैं। इस्लामचक घासीकटरा निवासी बब्लू खान पेशे से रिक्शा चालक थे। यहीं एक आमदनी का जरिया था। जिंदगी भर एक-एक पैसा जोड़ अपनी बेटी जैनब खातून के लिए शादी का ख्वाब देखा। इसके लिए तैयारियां भी शुरु कर दी । संत कबीर नगर में रिश्ता भी पक्का कर दिया। मैरेज हॉल भी बुक करवाया ताकि बेटी को इस बात का मलाल न रहे कि बाप गरीबी की वजह से धूमधाम से शादी नहीं कर रहा है। इसी 16 नवम्बर को शादी हैं। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। अभी दो दिन पहले बब्लू खान की अचानक मौत हो गयी। परिवार पर मानो कहर टूट पड़ा।
बब्लू खान ने शादी के लिए जो इंतजाम किया था वह धरा का धरा रहा गया। उसने जो पैसे जहां दिया था उसके मरने के बाद लोगों ने बेईमानी कर ली । अब शादी तय है । घर वालो का बुरा हाल है । मुहल्लेवालों ने मदद की हैं लेकिन जितनी मदद की दरकार हैं वह मयस्सर नहीं। प्रदेश सरकार की शादी अनुदान की योजना तो है लेकिन पैसा मिलने में काफी वक्त लगेगा। समाज में महिलाओं के हक की बात करने वाले अगर अमलन अपनी जिम्मेदारी समझे तो जो शादी का ख्वाब बब्लू ने अपनी बच्ची के लिए देखा था उसे पूरा किया जा सकता हैं। मदद की दरकार हैं फैसला आपके अख्तियार में। मेरे लिखने का मकसद दुखियारी की मदद हैं। मोबाइल नं. 9559272543 पर सम्पर्क कर या परिवार से मिलकर कर सकते हैं।