Monday, 07 November 2016 4:43 pm
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नवाज़ शेरवानी
गोरखपुर। दिल में लगन, जज्बा हो तो उम्र मायने नहीं रखती। इसी को साबित किया हैं रायगंज दक्षिणी अलहदादपुर निवासी 4 वर्षीय मोहम्मद वकारुल कादरी ने। इन्होंने 4 साल पांच माह की उम्र में पूरा कुरआन चंद महिनों में खत्म कर सबको चौंका दिया हैं। छोटे तो छोड़िए बड़े कुरआन मुकम्मल करने में काफी समय लगाते हैं। वहीं वकारुल का काम काबिलेतारीफ हैं।
वकारुल के पिता मौलाना मोहम्मद अहमद(इमाम गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर) व माता सना खां ने बताया कि बच्चा बहुत जहीन हैं। आज कुरआन मुकम्मल करने के मौके पर घर पर कुरआनखानी का प्रोग्राम रखा गया।जिसमें कारी अय्यूब(इमाम मस्जिदे हरमैन रायगंज) ने कुरआन की आखिरी दो सूरतों को खत्म करवाया और दुआ की। उन्होंने बताया कि दो साल पहले वकारुल की बड़ी बहन अस्निया समन खान ने भी चार साल दस माह की उम्र में कुरआन शरीफ मुकम्मल किया था। इस मौके पर वकारुल के अकीके में बकरों की कुर्बानी दी गयी। इस मौके पर दोस्त रिश्तेदारों ने दुआओं व तोहफों से नवाजा। मौलाना मोहम्मद अहमद ने कहा कि वकारुल पर अल्लाह की इनायत है। कुरान शरीफ में तीस पारा होता है। सही उच्चारण के साथ कुरआन पढ़ना बहुत जरुरी है। वकारुल ने सही उच्चारण के साथ कुरआन मुकम्मल किया हैं