Wednesday, 12 October 2016 9:20
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भारत ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को लताड़ा है। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान दुनिया की शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
भारतीय राजदूत वेंकटेश शर्मा ने कश्मीर के मुद्दे पर पाक राजदूत तहमीना जंजुआ को जवाब देते हुए कहा कि शांति और स्थायित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद को बढ़ावा देने से है। साथ ही उन्होंने पाक के परमाणु कार्यक्रमों के विस्तार और आतंकी संगठनों को मिल रहे संरक्षण का भी जिक्र किया।
पाक का भारत पर सुरक्षा के माहौल को नुकसान पहुंचाने का आरोप
इससे पहले भारत को एक बार फिर उकसाते हुए पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से कहा था कि दक्षिण एशिया के सुरक्षा माहौल को भारत के वर्चस्वपूर्ण नीतियों पर अमल करने से नुकसान पहुंचा है। इसने जोर देते हुए कहा कि मुख्य विवादों और खास तौर पर कश्मीर विवाद को सुलझाए बगैर क्षेत्रीय शांति संभव नहीं है।
जेनेवा में पाकिस्तान की स्थाई प्रतिनिधि तहमीना जंजुआ ने यूएन की अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा समिति से कहा कि दक्षिण एशिया में भारत की वर्चस्ववादी नीतियों और सैन्य दबदबे के लिए उसकी कोशिशें वैश्विक और क्षेत्रीय, दोनों स्तरों पर अस्थिरता पैदा कर रही हैं।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के एक बयान में जंजुआ द्वारा समिति को दी गई जानकारी के बारे में कहा गया है कि राजदूत जंजुआ ने इस बात का जिक्र किया कि भारत के वर्चस्ववादी नीतियों पर जोर देने, लगातार हथियार जुटाने और सुरक्षा मुद्दों पर किसी सार्थक वार्ता में शामिल होने से इनकार करने से दक्षिण एशिया के सुरक्षा माहौल को नुकसान पहुंचा है।
भारत के परमाणु हथियारों से मिली चुनौतीः पाक
बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान की सुरक्षा को इसके पड़ोस में परमाणु हथियार बनाने से चुनौती मिली है।
उन्होंने निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विषयों पर यूएन की 192 सदस्यीय समिति को संबोधित करते हुए पिछले महीने यूएन में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के संबोधन का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता कायम रखने के पाकिस्तान के संकल्प को कायम रखा था।
विदेश कार्यालय के बयान में बताया गया कि समिति को परमाणु परीक्षण प्रतिबंध पर पाकिस्तान और भारत के बीच एक द्विपक्षीय समझौते पर इस्लामाबाद के तैयार होने की याद दिलाई गई, जिसके लिए भारत की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।