Wednesday, 16 November 2016 06:00 PM
Nawaz Shearwani
देश के अन्नदाता की स्थिति खराब, कृषि उत्पादन प्रभावित होने से महंगाई बढ़ने की संभावना
गोरखपुर। नोट बंदी से जहां आम जनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और लोग अपना ही पैसा वापस पाने के लिए काम धंधा बंद कर बैंकों के सामने लाईन में लगे है, वहीं अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले कृषि व्यवसाय का हाल नोट बंदी के कारण बद से बदतर हो गया है। नोट बंदी का यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जो कृषि के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय है। सरकार के इस फैसले से देश का अन्नदाता कहे जाने वाला किसान रबी फसलों की बुवाई को लेकर चिंतित हैं । नोट बंदी का सीधा प्रभाव इन किसानों पर पड़ रहा है और रबी की बुआई पिछड़ती हुई नजर आ रही है । आज जबकि किसानों को खाद और बीज दोनों की एक साथ आवश्यकता है, ऐसे समय में उनके पास रखा धन उनके काम नहीं आ रहा बल्कि नोट बंदी ने उनके हाथ पांव बांध दिए हैं । चाहे उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम की बात हो, यूपी एग्रो की बात हो या कृषि विभाग के बीज विक्रय केन्दों की बात हो, कोई भी संस्था 500 या 1000 रुपए के नोट नहीं ले रही है, जिससे किसान चाह कर भी बीज और खाद नहीं ले पा रहा है । यदि शासन प्रशासन ने जल्द ही किसानों की इस समस्या का समाधान नहीं किया तो आने वाले समय में कृषि उत्पादन प्रभावित होने के कारण महंगाई बेतहाशा बढ़ सकती है। इस संबंध में अवधनामा द्धारा जब कृषि भवन बात की गई और कहा गया कि विभिन्न नगर निगमों व बिजली विभाग द्धारा 1000 व 500 के नोट स्वीकार किये जा रहे हैं लेकिन किसान परेशान हैं तो वहां से यह कहा गया कि 1000 व 500 के नोट स्वीकार करने से सम्बंधित आदेश जल्द ही जारी हो जाने की संभावना है । बहरहाल किसानो को राहत कब तक मिलेगी इसका सीधा जवाब किसी के पास नहीं है।