Thursday, 17 November 2016 11:00 PM
Nawaz Shearwani
सिसवा बाजार, (महराजगंज), 17 नवम्बर। नोटबन्दी के फैसले के आठवें दिन भी नकद रूपये को बदलने को लेकर बुधवार को उपभोक्ता परेशान रहे। कस्बे के यूनियन बैंक बैंक में दीमक लगी और फ़टी हुई 100 के नोट आने से जहाँ भुगतान नहीं हुआ वहीं बाकी बैंकों में दोपहर के 2 बजते बजते कैश खत्म हो गये।
बुधवार को सुबह 6 बजे से ही कस्बे के स्टेट बैंक, एच डी एफ सी बैंक, सेन्ट्रल बैंक, यूनियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक तथा पूर्वांचल बैंक में लोगों की लाइन लग गयी थी। 10 बजे से बैंकिंग कार्य शुरू हुआ तो सारे बैंकों में कैश कम होने के चलते दोपहर के 2 बजते ही बैंकों में कैश खत्म हो गये। जिसके चलते लाइन में खड़े उपभोक्ताओं को मायूस होकर वापस लौटना पड़ा।
इधर यूनियन बैंक में सुबह जब कैश खोला गया तो बैंककर्मियों के होश उड़ गये। आर बी आई द्वारा यूनियन बैंक के चेस्टों में भेजे गये लाखों के सौ के नोट सड़े गले और फ़टे हुये निकले। जौसे तैसे आठ -दस लोगों ने नोट बदला पर बाद में लोगों ने उस नोट को वापस कर दिया। जिसे देख बैंक में कैश बदलने पर रोक लगा दी गयी।
दोपहर के बाद बैंकों से वापस लौटने वाले छोटे व्यापारी और किसान काफी परेशान दिखे। किसानों के सामने रबी की बुआई का संकट होने के चलते काफी परेशान दिखे। लोगों का आरोप था सभी बैंकों में पूरा 4500 रुपया न देकर लोगों को एक हज़ार और दो हज़ार दिया जा रहा है जबकि फॉर्म पर अंकित 4000 को न काटकर बाकी बचे पैसों को अपने ख़ास लोगों को कमीशन पर बांटा जा रहा है।