Saturday, 15 September 2018 5:08
G.A Siddiqui
निज़ाम अंसारी
बुद्ध की धरती पर जहां जनता संत प्रिय वह शांति का प्रतीक है वही कुछ चंद अधिकारियों द्वारा उनका मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण भारतीय स्टेट बैंक शोहरतगढ़ है शोहरतगढ़ में स्टेट बैंक आफ इंडिया के कर्मियों की मनमानी व लापरवाही के चलते उपभक्ताओं को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। बैंक की लचर प्रणाली के चलते एटीएम शो पीस साबित हो रहें हैं।
सूत्रों के मुताबिक एसबीआई शोहरतगढ़ शाखा में कर्मियों के लापरवाही का आलम ये है कि एक खाता खुलवाने के लिए उपभोक्ताओं को कई बार बैंक दौड़ना पड़ता है। एटीएम, चेकबुक व अन्य सेवाओं के लिए फॉर्म तो भरवा लिया जाता है लेकिन जल्दी कोई काम नही होता हैं।
लेन देन को लेकर भी उपभोक्ताओं के सामने बड़ी समस्या है आए दिन बैंक कर्मी सर्वर डाउन का हवाला देकर बैंक का सारा काम बंद कर दिया जाता है।
उपभोक्ताओं के साथ बैंक कर्मियों का व्यवहार भी ठीक नही हैं।
बैंकों द्वारा उपभोक्ताओं को निकासी के सुविधा के लिए एटीएम केंद्र की स्थापना की गई थी। जिससे उपभोक्ता 24 घण्टे जरूरत के अनुसार रुपया निकाल सके। लेकिन बैंक के लचर व्यवस्था के कारण एटीम सिर्फ शो पीस साबित हो रहा।
भारतीय स्टेट बैंक शोहरतगढ़ है जहां आधार कार्ड लिंक के लिए कई बार आधार कार्ड देना पड़ता है वही खाता खुलवाने के लिए कई दिनों तक चक्कर लगाना पड़ता है लापरवाही का इतना हद है कि इन अधिकारियों का नैतिक पतन भी हो चुका है यह और तुम का आधार कार्ड के नाम पर कई कई बार अंगूठा लगाते हैं तथा घंटों लगाते हैं ऐसे ही उदाहरण शोहरतगढ़ में आपको मिलेगा | जबकि यह कार्य बैंक नियमों के विरुद्ध है बैंक में जनता अपना कार्य सही ढंग से चाहती है लेकिन यह फर्स्ट व नैतिक पतन से लिपटी अधिकारीगण समझ में नहीं आता है क्योंकि यहां की जनता शांतिप्रिय न्याय प्रिय है इस संबंध में उच्च अधिकारियों को ध्यान देना होगा कि चोडार ग्राम पंचायत केसमिति के अध्यक्ष बलराम चौरसिया ने आरोप लगाते हुवे कहा कि यहां के डिप्टी मैनेजर मनोज श्रीवास्तव ऐसे हैं की सुबह से शाम दारू के नशा में भूत रहते हैं बैंक आने से पहले ही एक पैग लगा लेते हैं इसके बाद बैंक में आते हैं इनका यहां रहता है कोई इनके पास जाना नहीं चाहता क्योंकि यह बहुत ही अभद्र व्यवहार करते हैं ऐसी सूरत में तहसील मुख्यालय का मुख्य शाखा होने के कारण यहां की बैंक उपभोक्ता काफी परेशान है वह मानसिक पीड़ा झेलना पड़ता है ऐसे में इन अधिकारियों व कर्मचारियों के ऊपर उचित उचित कार्यवाही करना चाहिए जिससे बैंक सुचारु रुप से हो सके.|
बैंक की ऐसी स्थिति दयनीय हैं
उपभोक्ता परेशान हैं अगर जल्दी बैंक में सुधार ना हुआ तो उपभोक्ता आंदोलन के बाध्य होंगे?