Friday, 05 October 2018 6:36
G.A Siddiqui
सिद्धार्थनगर। शासन द्वारा मदरसों में चल रही योजनाओं को पारदर्शी बनाने के लिये चाहे कितनी भी कोशिश क्यों न कर ले लेकिन मदरसा चला रहे प्रबन्धकों द्वारा शोषण रुकने वाला नही है । प्रबन्धकों द्वारा आधुनिकीकरण शिक्षकों का शोषण बदस्तूर जारी है। पिछले तीन साल के बकाया मानदेय की आस में आधुनिक अध्यापको का प्रदेश सरकार ने चार माह का राज्यांश भेजा भी तो प्रबन्धकों द्वारा कभी आर्थिक, शारिरिक तो कभी मानसिक शोषण किया जाने लगा,पिछले12 साल से सेवा दे रहे अध्यापकों के स्थान पर दूसरे का नाम प्रबन्धक द्वारा प्रारूप में दिये जाने से शिक्षक परेशान हाल हैं, ऐसे में आधुनिकीकरण अध्यापक दोहरी मार झेलने को विवश हैं। ऐसा ही एक मामला विकास क्षेत्र जोगिया स्थिति मदरसा अरबिया सिराजुल उलूम हलकौली का आया है, जहाँ तहतानिया अन्तर्गत दो आधुनिक अध्यापक अरसद हुसेन,शिवशंकर ने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी, जिलाधिकारी, निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, मुख्यमंत्री को दिये शिकायती पत्र में कहा है कि वह पिछले 12 साल से मदरसे में आधुनिक अध्यापक के रूप में कार्य कर रहे हैं, और नियमित रूप से मानदेय भी पा रहे हैं, बावजूद इसके मदरसा प्रबन्धक ने विभाग द्वारा मागे गये प्रारूप में अरसद हुसेन व शिवशंकर का नाम प्रेषित न कर किसी अन्य का नाम प्रेषित कर दिया। मदरसा अध्यापक अरसद हुसेन व शिवशंकर ने पत्र में जाँच की मांग करते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए अपना नाम प्रारूप में भेजे जाने की माँग किया है। शिक्षक श्री हुसेन एवं शिवशंकर ने पत्र में कहा है कि उनका नाम पोर्टल पर अंकित है, फिर भी प्रबन्धक द्वारा दूसरे का नाम भेजा जाना सन्देह के घेरे में है। उनका कहना है कि उन्हें सन्देह है कि प्रबन्धक अपनी पहुँच से पोर्टल लॉक होने के बाद उनका नाम पोर्टल से भी न हटवा दे और उनके स्थान पर प्रारूप में भेजा गया नाम न अंकित हो जाये । इस सम्बंध में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडेय ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, जाँचकर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी