Wednesday, 14 December 2016 01:15 PM
Nawaz Shearwani
निचलौल (महाराजगंज)। किसानों का करोडों रुपये गन्ना मूल्य दबाये बैठी जेएचवी शुगर मिल प्रशासन के अडियल रवैये से नाराज गन्ना किसानों ने सोमवार की शाम गन्नें की तौल बंद कराते हुये धरना -प्रदर्शन शुरू कर दिया। आक्रोशित किसानों ने ‘ भुगतान नहीं तो गन्ना नहीं ‘ का नारा लगाते हुये मिल प्रबंधन व सरकार की जमकर आलोचना की। किसानों के आंदोलन से 24 घंटे तक गन्ना तौल बंद रहा।
बीते साल मिल को गन्ना देकर महीनों से भुगतान की आस में बैठे किसानों को मिल प्रबंधन ने दर्जनों बार आश्वासन दिया लेकिन भुगतान न होने से किसानों में आक्रोश बढता गया। सोमवार की शाम कुछ किसान हायल पर्ची पर गन्ने की तौल कराने पहुंचे तो मिल प्रबंधन ने हायल पर्ची पर गन्ना तौर करने से मना कर दिया।जिसे लेकर बौखलाये किसानों ने गन्ना तौल को बंद करा मिल प्रबंधन के खिलाफ नारे बाजी करने लगे।किसानों का कहना था कि एक तो मिल पहले ही हमारे खून पसीने की करोडो रूपये दबाये बैठी है जिसके चलते गन्ने की कटाई सफाई के बाद उसे मिल गेट तक लाने में किसानों को भारी तमाम जुगत करने पड रहे है। बैकों से पैसे मिल नही रहे। ऐसे में मिलकर्मियों के बर्ताव से नाराज किसान गन्ने की तौल बंद करा धरने पर बैठ गये। किसानों ने कहा कि हमे हमारे बकाये मुल्य का भुगतान दो, हम गन्ना कही और दे लेंगे जिसके बाद मिल प्रबंधन के हांथ पांव फूलने लगे। मंगलवार को किसानों के धरने का समर्थन करने एक के बाद एक नेता पहुंचने लगे जिसे देख प्रशासन ने मिल गेट की सुरक्षा बढा दी।एसडीएम सीओ मौके पर पहुंच कर किसानों को समझा बुझा कर किसी तरह मामला शांत कराया तब जाकर देर शाम सशर्त गन्ने की तौल शुरू हुई।
कांग्रेस नेता ने तहसील प्रशासन के आश्वासन को बताया धोखा
जीएचवी शुगर मिल और प्रशासन की मिली भगत से आज क्षेत्र के गन्ना किसानों का बुरा हाल है। किसान अपने ही खून पसीनें की किमत पाने के लिये महिनों से बैंकों का चक्कर काट रहे है और प्रशासन उन्हे आश्वासन पर आश्वसन देकर गुमराह कर रहा है। जब तक किसानों के बकाये मूल्य का भुगतान नहीं हो जाता उनका आन्दोलन जारी रहेगा।
मंगलवार को किसानों के आन्दोलन का समर्थन करने पहुंचे किसान नेता राजू कुमार गुप्ता ने मिल प्रबंधन और कुछ किसानों के बीच प्रशासन की जोर जबरदस्ती के बीच हुये समझौते को मानने से इंकार कर दिया।उन्होने कहा कि प्रशासन जबतक किसानों के बकाये गन्ना मूल्य के भुगतान का रास्ता साफ नही करता उनका आन्दोलन जारी रहेगा।