सिद्धार्थनगर। सियासत में गुम हुए राजकुमार सिद्धार्थ।Sunday, 29 December 2019 12:09Admin सिद्धार्थनगर। जिले का इतिहास भगवान गौतम बुद्ध से जुड़ा है। इनके पिता राजा शुद्धोधन की राजधानी कपिलवस्तु इसी जिले में है। इस जनपद का नामकरण गौतुम बुद्ध के बाल्यावस्था वाले नाम राजकुमार सिद्धार्थ के नाम पर हुआ है। अतीतकाल में वनों से आच्छादित हिमालय की तलहटी का यह क्षेत्र साकेत अथवा कौशल राज्य का हिस्सा था। ईसा पूर्व लगभग छठी शताब्दी में शाक्यों ने अपनी राजधानी कपिलवस्तु में बनायीं और यहाँ एक शक्तिशाली गणराज्य कि स्थापना भी किया, काल के थपेड़े से यह क्षेत्र उजड़ गया। अंग्रेजी शासन में ज़मींदारो ने यहाँ पर पैर जमाया। सन 1865 में गोरखपुर से पृथक बस्ती जिले के सृजन के बाद यह क्षेत्र बस्ती जिले में आ गया। पूर्व मुख्य मंत्री नारायण दत्त तिवारी के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश सरकार, राजस्व अनुभाग-5 के अधिसूचना संख्या-5-4-(4)/76-135-रा0-5(ब) दिनांक 23 दिसम्बर 1988 के आधार पर दिनांक 29 दिसम्बर 1988 को राजकुमार सिद्धार्थ के नाम पर जनपद बस्ती के उत्तरी भाग को पृथक कर सिद्धार्थनगर नामक नये जिले का स्थापना किया गया। जिसके पहले जिलाधिकारी हौसला प्रसाद वर्मा (29/12/1988 से 24/03/1991) नियुक्त किये गये थे, यह जनपद ऐतिहासिक शाक्य जनपद के खण्डहरों के लिए प्रसिद्ध है, जो जिला मुख्यालय से लगभग 18 कि॰मी॰ दूर पिपरहवा ग्राम में स्तिथ है। सिद्धार्थनगर भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से एक जिला है। सिद्धार्थनगर का मुख्यालय तहसील नौगढ़ के नाम से प्रचलित है रेलवे स्टेशन भी नौगढ़ था अभी जल्दी नवम्बर 2019 में रेलवे स्टेशन का नाम भी सिद्धार्थनगर कर दिया गया है। जिले के जन्मदिवस के रूप में कपिलवस्तु महोत्सव का आयोजन पहले तीन दिवसीय (29 दिसम्बर से 31 दिसम्बर) उत्सव मनाया जाता था विगत कई वर्षो से उसको भी मन चाहे तरीके और तारीख पे मनाया जा रहा है अब गौतम बुद्ध की प्रतिमा पर फूल माला चढ़ा कर खानापूर्ति कर दी जाती है और पूरे वर्ष धुल मिट्टी प्रचार प्रसार के पोस्टरों से ढके होते हैं। ये आज सिर्फ गौतम बुद्ध की बात नही है हमारे देश में करोड़ों अरबो रुपयों की मूर्तियाँ बना कर उनके स्मृति दिवस या राजनितिक फायदे के लिए उनपे माल्यार्पण और सफाई की जाती है, उन मूर्तियों और स्थलों के सफाई पर सरकार करोड़ो खर्च भी करती है ये हमारे देश की विडम्बना है। जय हिन्द जय भारत जिले के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनायें। (ये लेखक के निजी विचार हैं, ये लेख मुस्ताक महबूब खान के आधिकारिक फेसबुक हैंडलर से लिया गया हैं ) Share News 1861 Views